मेडिकल साइंस के इतिहास में याद रखें जाएंगे जोधपुर के ये डॉक्टर्स, यहां पढ़ें इनके बारें में

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जोधपुर: प्रदेश के मेडिकल साइंस इतिहास में मंगलवार का दिन तारीखों में दर्ज हो गया। एम्स में तीन ऑपरेशन ऐसे हुए जिनमें डॉक्टर ने मरीज को छुआ तक नहीं और सर्जरी हो गई। यहां ऑपरेशन टेबल पर मरीज के चारों ओर सर्जन, एनेस्थिसिया डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य सहयोगी डॉक्टर नहीं थे। टेबल से तीन फीट की दूरी पर रखे कंसोल पर बैठकर सर्जन रोबोट की सहायता से ऑपरेशन करते दिखे।

राजस्थान की पहली रोबोटिक सर्जरी एम्स जोधपुर में हुई। पहले दिन तीन यूरोलॉजी के केस रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेट हुए। बुधवार को भी रोबोटिक सर्जरी का एक ऑपरेशन होगा। पहली सर्जरी से पहले एम्स डायरेक्टर डॉ. संजीव मिश्रा ने आकर रोबोट और कंसोल पर बैठकर देखा, इसके बाद सभी को बधाई दी।

एम्स जोधपुर में पहली बार हो रही रोबोटिक सर्जरी के लिए पीजीआई चंडीगढ़ से यूरोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. रवि मोहन ने बतौर मेंटर डॉ. गौतम राम चौधरी को गाइड किया। पहली सर्जरी 9:45 बजे कंसोल पर बैठकर डॉ. रवि मोहन ने शुरू की। दूसरे कंसोल पर बैठकर डॉ. गौतम राम चौधरी ने उनका सहयोग लेते हुए केस ऑपरेट किया।

इन्होंने किया ऑपरेशन
पीजीआई से यूरोलॉजी के सर्जन डॉ. रवि मोहन, एम्स जोधपुर यूरोलॉजी विभाग के डाॅ. गौतम राम चौधरी, डॉ. हिमांशु पांडे और डॉ. सुरेश। एनेस्थिसिया के डॉ. प्रदीप भाटिया, डॉ. मनोज कमल, नर्सिंग स्टाफ एएनएस नटवर पाटीदार, ओटी इंचार्ज नर्सिंग संतोष कुड़ी, सोमनारायण, प्रवीण मेहता, नवीन तथा चतुर्भुज ने सहयोग किया।

रोबोटिक सर्जरी ने बचाए कई घंटे:
डॉक्टरों का कहना है ऐसी सर्जरी होने से मरीजों को ज्यादा समय दिया जाएगा। इससे काम में तेजी आने के साथ कई कठिन सर्जरी को जल्दी किया जा सकता है। इनमें से कुछ केस यहां है-

केस-1 किडनी-यूरेटर के बीच ब्लॉक पौने दो घंटे में हटाया, 30 मिनट बचे
जैसलमेर की 27 वर्षीय महिला की पाइलोप्लास्टी की गई। सुबह 9:42 बजे मरीज की डोकिंग (रोबोट के आर्म और कैमरा लगाना) की। 9:45 पर सर्जन ने कंसोल पर बैठ ऑपरेशन शुरू किया जो करीब 11:35 पर समाप्त हुआ। इस दौरान सर्जन ने एक बार एक मिनट और दूसरी बार दो मिनट के लिए कंसोल से निगाह हटाई।

केस-2 पेशाब की थैली में छेद ठीक करने में लगते ढाई घंटे, 1 घंटा बचाया
जोधपुर की 35 वर्षीय महिला का वीवीएफ रिपेयर ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर 12:20 बजे मरीज को ओटी में लिया। 30 मिनट में सिस्टोस्कोपी व 1:55 बजे डोकिंग की। 1:56 पर दोनों सर्जन ने कंसोल से सर्जरी स्टार्ट की। ये 3:22 पर समाप्त हुई। ऑपरेशन के दौरान सर्जन ने करीब 6 मिनट कंसोल से निगाह हटाई।

केस-3 किडनी से कैंसर ट्यूमर भी हटाया, पूरा 1 घंटा बचाया
बाड़मेर के 45 वर्षीय पुरुष की किडनी में ट्यूमर था। ओटी में 4:30 बजे लाए। 5:22 बजे डोकिंग किया। 5:23 बजे सर्जन कंसोल पर बैठे और ऑपरेशन स्टार्ट किया। यह करीब 7:10 बजे समाप्त हुआ। ऑपरेशन के दौरान सर्जन ने करीब 5 मिनट के लिए कंसोल से अपनी निगाह हटाई।

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