दिल्ली का एक ऐसा नाला जहां से लाशें मिल रही हैं, मृतकों की संख्या 46 पार

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नई दिल्ली: नॉर्थ दिल्ली में हिंसा शुरू होने के एक सप्ताह बाद खौफनाक सच सामने आ रहा है। हिंसा प्रभावित इलाकों के नाले से अब लाशें निकल रही हैं। पिछले दो दिनों में इन नालों से चार लाशें निकली हैं। इसके साथ ही यहां हिंसा में मरने वालों की संख्या 46 हो गई है, 200 से ज्यादा लोग घायल है।

पुलिस ने कहा कि रविवार को कोई हिंसक घटना सामने नहीं आई। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर दक्षिण-पूर्व और पश्चिम दिल्ली में तनाव की खबरें फैल रही हैं, ये सब अफवाहें हैं। इस बीच, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दिल्ली हिंसा से प्रभावित इलाकों के छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया है।

पुलिस ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फिलहाल शांति कायम है। प्रशासन ने यहां एक महीने के लिए धारा-144 लगाई है, लेकिन शनिवार सुबह इसमें 4 घंटे की छूट दी गई थी। पुलिस ने अब तक 254 एफआईआर दर्ज कीं, 903 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। पिछले दो दिन में उत्तर पूर्वी जिले से हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है। पुलिस लोगों से सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाले अफवाहों पर ध्यान न देने और इसकी शिकायत अधिकारियों से करने के लिए कह रही है।

विपक्ष ने किया सदन में हंगामा-
बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ। यह 3 अप्रैल तक चलेगा। लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत बिहार के वाल्मीकि नगर से सांसद बैधनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि के साथ हुई। इसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही दिल्ली हिंसा पर विपक्ष ने हंगामा किया। यहां भी सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। विपक्ष ने दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है। चौधरी ने कहा, “कांग्रेस संसद में दिल्ली हिंसा का मामला उठाएगी। हम गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करेंगे। देश की राजधानी में हिंसा उनकी निगरानी में हुई। यही पश्चिम बंगाल में भी हो रहा है। वहां भी गोली मारो सालों को, जैसे भड़काऊ नारे लगाए जा रहे हैं। भाजपा देश को मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है। टुकड़े-टुकड़े गैंग की असली कमान तो भाजपा के हाथ में है। धीरे-धीरे पूरा देश सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ रहा है।”

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