सीएम का वादा झूठा, महीनेभर के अंदर फिर हुई नाबालिकों के साथ हैवानियत

2003 से इसमें 42 लड़के और 58 लड़कियां रह रही हैं। शिकायत करने वाले बच्चों का कहना है कि वो पिछले 8 साल से ये सब झेल रहे हैं। फरवरी 2017 में पहली बार एक पीड़ित मूक बधिर लड़की ने लोगों की मदद से होशंगाबाद कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

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भोपाल: पिछले शेल्टर होम के मामलों का फैसला भी नहीं हुआ था कि एक और परेशान कर देने वाली खबर सामने आ गई। अब मामला है भोपाल के बैरागढ़ इलाके में साईं विकलांग अनाथ आश्रम नाम के एक शेल्टर होम का। साल 1995 से चल रहे इस शेल्टर होम का संचालक है 70 साल का एमपी अवस्थी है। अवस्थी सेना से रिटायर हो चुका है। शेल्टर होम के पांच बच्चों, जिनमें से तीन लड़के हैं और दो लड़कियां, ने एमपी अवस्थी पर रेप, यौन शोषण और अप्राकृतिक सेक्स का आरोप लगाया है।

मामले के बाहर आते ही बताया यह भी जा रहा है कि फरवरी 2017 में पहली बार एक पीड़ित मूक बधिर लड़की ने लोगों की मदद से होशंगाबाद कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी,  लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। अब मामले में अलग-अलग धाराओं में कुल तीन एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप लगाने वाले बच्चे सुन और बोल नहीं सकते हैं।

8 साल से यौनशोषण-
2003 से इसमें 42 लड़के और 58 लड़कियां रह रही हैं। शिकायत करने वाले बच्चों का कहना है कि वो पिछले 8 साल से ये सब झेल रहे हैं। पिछले 10 बरसों से शेल्टर होम में कोई फुल टाइम वॉर्डन नहीं है। चार टीचर हैं, जो अलग-अलग शेल्टर होम की देखरेख करते हैं। शेल्टर होम में दस साल की उम्र के भी नाबालिक बच्चे हैं। मीडिया में मामला आने के बाद खुलासा हुआ कि यहां किसी भी टीचर की स्थाई नौकरी नहीं है लगभग  4-5 महीने के अतंराल से यहां टीचर्स बदलते रहते हैं।

बच्चों ने खोले राज-
शिकायत के बाद धारा 377, 376, 354, 506 और 34 के तहत केस दर्ज करके एमपी अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया। अवस्थी के साथ शेल्टर होम से ही जुड़ी कविता चौधरी को भी अरेस्ट किया गया। बच्चों की शिकायत है कि कविता को सारी बातें पता थीं लेकिन उसने बच्चों की मदद करने के बजाए उन्हें भी चुप रहने को कहा।

एमपी अवस्थी आरोपी

शिवराज सिंह का वादा झूठा-
आपको बता दें कि पिछले दिनों भी भोपाल में ऐसा ही एक और मामला सामने आया था। तब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आदेश दिया था राज्य के हर अनाथालय और शेल्टर होम की हर महीने जांच की जाए और प्राइवेट गर्ल्स हॉस्टल के लिए गाइडलाइंस तय की जाएं लेकिन सच्चाई आपके और सरकार दोनों के सामने है। नियम कब बननेंगे मालूम नहीं लेकिन इस क्रूरता को रोका नहीं गया कई जिंदगियां दांव पर लग जाएंगी।

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