योगी की देखरेख में राज्य में हुई बलात्कार की 803 और हत्या की 729 घटनाएं

इस साल 15 मार्च से नौ मई के बीच प्रदेश में हत्या की 729, बलात्कार की 803, लूट की 799, अपहरण की 2682 और डकैती की 60 वारदातें हुईं।

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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि उसके गठन के शुरुआती करीब दो महीनों में राज्य में बलात्कार की 803 और हत्या की 729 घटनाएं हुईं। सपा सदस्य शैलेंद्र यादव ललई ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से एक निश्चित अवधि के दौरान हुई आपराधिक वारदात और उन्हें रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सवाल पूछा।

जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, इस साल 15 मार्च से नौ मई के बीच प्रदेश में हत्या की 729, बलात्कार की 803, लूट की 799, अपहरण की 2682 और डकैती की 60 वारदातें हुईं। मंत्री ने कहा कि हत्या के 67.16 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की गई है, वहीं बलात्कार के मामलों में यह आंकड़ा 71.12 फीसद, अपहरण के मामलों में 52.23 प्रतिशत, डकैती के मामलों में 67.05 फीसद और लूट के मामलों में 81.88 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, इसके अलावा इन मामलों में से तीन के अभियुक्तों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की अपील भी की गई है। गैंगस्टर एक्ट के मामलों में 126 और गुंडा एक्ट के मामलों में 131 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

सपा सदस्य पारसनाथ यादव ने इसी अवधि में पिछले वर्षों के दौरान अपराध के तुलनात्मक आंकड़ें बताने को कहा, लेकिन मंत्री के पास वे आंकड़े तत्काल उपलब्ध नहीं थे।

इसके जवाब मंत्री ने कहा उनके पास पुराने आंकड़े मौजूद नहीं लेकिन वह हर छोटे- बड़े अपराधों को सूचीबद्ध कर रही है।सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने सरकार के जवाब से असंतुष्टि जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर नाकाम हो चुकी है। इसके साथ ही सपा के सदस्य सदन से बाहर चले गए।

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