बंद हुआ महात्मा गांधी के बचपन का स्कूल, जल्द खुलेगा म्यूजियम

इस स्कूल से महात्मा गांधी ने 1880 से 1887 तक माध्यमिक शिक्षा हासिल की थी।

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अहमदाबाद: गुजरात के जिस स्कूल में मोहनदास कर्मचंद यानी महात्मा गांधी ने पढ़ाई की थी, वह अब बंद होने वाला है। राज्य के शिक्षा विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस स्कूल से महात्मा गांधी ने 1880 से 1887 तक माध्यमिक शिक्षा हासिल की थी।

राजकोट की प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रेवा पटेल के मुताबिक, ‘पिछले साल अगस्त में सरकार ने एक संकल्प पारित किया था। इसके तहत मोहनदास गांधी विद्यालय को विश्वस्तरीय संग्रहालय में तब्दील करने का प्रावधान किया गया था। इसके पहले स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों काे वैकल्पिक स्कूलों में दाखिल कराया जाना था। सरकार के आदेश के तहत हमने यहां के बच्चों को स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र देना शुरू कर दिया है।’ उन्होंने बताया कि स्कूल बंद करने की प्रक्रिया 29 अप्रैल से शुरू हो चुकी है।

पटेल बताती हैं, ‘हमने स्कूल बंद करने के सरकार के फैसले के बारे में अभिभावकों को बता दिया है। करीब-करीब सभी इस पर सहमत हैं। हमें उनके जवाब मिलना शुरू हो गए हैं। उन्होंने अपने बच्चों को करनसिंह जी हाईस्कूल में भर्ती कराना भी शुरू कर दिया है।’ जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से स्कूल बंद करने का संकल्प पारित होने के बाद से अब तक करीब 150 बच्चे करनसिंह हाईस्कूल में दाखिला ले चुके हैं।

पटेल के मुताबिक, ‘इस स्कूल के बच्चे अच्छा नतीजा नहीं दे पा रहे थे। खासतौर पर बोर्ड परीक्षाओं में। दाखिले भी लगातार घट रहे थे। सरकार ने तमाम तरह के प्रयास कर लिए। कई विकल्प आजमाए लेकिन न तो नतीजे बेहतर हुए और न ही दाखिला लेने वाले बच्चों की तादाद बढ़ी।’ बताया जाता है कि साल 2013-14 में इस स्कूल का एक भी बच्चा 10वीं कक्षा का इम्तहान पास नहीं कर सका था। इसके बाद सरकार ने सभी शिक्षकों और अन्य स्टाफ को अन्य स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया। इसके बावजूद नतीजा नहीं सुधरा।

जूनागढ़ के नवाब की देन है ये स्कूल:

इस स्कूल को जूनागढ़ रियासत के नवाब ने बनवाया था और यह 1875 में शुरू हुआ। इसे पहले अल्फ्रेड हाईस्कूल कहा जाता था। इसका नाम बदलकर 1971 में मोहनदास गांधी विद्यालय कर दिया गया था। इस स्कूल में लड़काें से सिर्फ पांच रुपए फीस ली जाती थी। जबकि लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाती थी।

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