पद्म पुरस्कारों का ऐलान, पहली महिला महावत पार्वती बरुआ समेत 34 हस्तियों को पद्मश्री, जानें सबके बारें में

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Padma Vibhushan Award 2024: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। इसके तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वाली हस्तियों के नामों का एलान किया गया।

इनमें 5 पद्म विभूषण, 17 काे पद्म भूषण और 110 हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाएंगे। एक्ट्रेस वैजयंती माला, वेंकैया नायडू को पद्म विभूषण और मिथुन चक्रवर्ती, ऊषा उत्थुप का नाम पद्म भूषण अवॉर्ड के लिए चुना गया है।

2024 के लिए पद्मश्री पुरस्कार ऐसे लोगों को दिया जा रहा है, जो अब तक गुमनाम थे। इनमें असम की रहने वाली देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ और जागेश्वर यादव का नाम शामिल है। इसके अलावा लिस्ट में चार्मी मुर्मू, सोमन्ना, सर्वेश्वर, सांगथाम समेत कई बड़े नाम भी हैं।

पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 30 महिलाएं हैं। इनमें 8 विदेशी/NRI/PIO/OCI कैटेगरी के लोग भी हैं। 9 हस्तियां ऐसी हैं, जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं।

असम की रहने वाली देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ और जागेश्वर यादव समेत 34 हस्तियों को अवॉर्ड दिया गया है। इसके अलावा लिस्ट में चार्मी मुर्मू, सोमन्ना, सर्वेश्वर, सांगथाम समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। इससे पहले 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कूर्परी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था।

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पढ़िए पद्म पुरस्कार पाने वाली हस्तियों के बारे में…
1. पारबती बरुआ (सामाज सेवा, असम, उम्र- 67 साल)- 
भारत की पहली महिला हाथी महावत, जिन्होंने रूढ़िवादिता से उबरने के लिए 14 साल की उम्र में जंगली हाथियों को वश में करना शुरू किया था। उन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए चुना गया है।

2. जागेश्वर यादव (सामाजिक कार्य, छत्तीसगढ़, उम्र- 67 साल)- जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव को सामाजिक कार्य (आदिवासी पीवीटीजी) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा। उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

3. चामी मुर्मू (सामाजिक कार्य, झारखंड, उम्र- 52 साल)- सरायकेला खरसावां की आदिवासी पर्यावरणविद् और महिला सशक्तिकरण चैंपियन चामी मुर्मू को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्म श्री दिया जाएगा।

4. गुरविंदर सिंह (सामाजिक कार्य, हरियाणा, उम्र- 53 साल)- बेघर, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई के लिए काम करने वाले सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह को सामाजिक कार्य (दिव्यांगजन) के क्षेत्र में पद्मश्री प्राप्त होगा।
5. सत्यनारायण बेलेरी (अन्य, केरल, उम्र-50 साल)- कासरगोड के चावल किसान सत्यनारायण बेलेरी को अन्य (कृषि अनाज चावल) के क्षेत्र में पद्म श्री के लिए चुना गया। उन्होंने 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसलों के संरक्षक के रूप में सामने आए।
6. दुखू माझी (सामाजिक कार्य, पश्चिम बंगाल, उम्र- 78 साल)- पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। उन्होंने हर दिन अपनी साइकिल पर नए गंतव्यों की यात्रा करते हुए बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए।
7. के चेल्लम्मल (अन्य, अंडमान व निकोबार, उम्र- 69 साल)- दक्षिण अंडमान के जैविक किसान के. चेल्लम्मल (नारियल अम्मा) को अन्य (कृषि जैविक) के क्षेत्र में पद्मश्री मिला। उन्होंने 10 एकड़ का जैविक फार्म सफलतापूर्वक विकसित किया।
8. संगथंकिमा (सामाजिक कार्य, मिजोरम, उम्र- 63 साल)- मिजोरम के सबसे बड़े अनाथालय ‘थुतक नुनपुइटु टीम’ चलाने वाले आइजोल के एक सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा को सामाजिक कार्य (बाल) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा।

क्या होते हैं पद्म पुरस्कार

  • भारत सरकार ने देश के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1954 में की थी।
  • इन पुरस्कारों से देश-विदेश के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने किसी क्षेत्र में कोई प्रतिष्ठित व असाधारण कार्य किया हो, जिसमें लोक सेवा का तत्व जुड़ा हो।
  • हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। फिर मार्च या अप्रैल में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
  • सामान्यत: मरणोपरांत ये पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन कुछ विशिष्ट मामलों में सरकार के पास ये निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।
  • नियम के अनुसार, किसी को अगर वर्तमान में पद्मश्री दिया गया है, तो फिर उसे पद्म भूषण या पद्म विभूषण अब से पांच साल बाद ही दिया जा सकता है। लेकिन यहां भी कुछ विशिष्ट मामलों में पुरस्कार समिति छूट दे सकती है।
  • जिस दिन समारोह में राष्ट्रपति द्वारा सम्मान दिया जाता है, उसके बाद सभी विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं।

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