हिंडनबर्ग के बाद OCCRP रिपोर्ट में फिर पकड़े गए अडाणी, 9 शेयरों में आई गिरावट, जानें क्या है नया मामला?

OCCRP ने दावा किया कि अडाणी परिवार के साथ निवेशक नासिर अली शबान अहली और चैंग चुंग-लिंग के लंबे समय से व्यापारिक रिश्ते हैं। गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी के ग्रुप की कंपनियों और फर्मों में ये डायरेक्टर और शेयरहोल्डर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

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Adani Group Vs OCCRP Report Controversy: 8 महीने पहले इसी साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी।

अब फिर एकबार अडाणी ग्रुप पर गुरुवार (31 अगस्त) को एक और विदेशी रिपोर्ट सामने आने के बाद कंपनी के 10 शेयर में से 9 में गिरावट देखने को मिली। ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) में दावा किया गया है कि अडाणी ग्रुप के निवेशकों ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयरों को खरीदकर बाजार में लाखों डॉलर का निवेश किया।

हालांकि, ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। कहा है कि यह बदमान करने और मुनाफा कमाने की साजिश है। OCCRP ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने मॉरीशस के गुमनाम निवेश फंड्स के जरिए ग्रुप के शेयरों में करोड़ों रुपए का निवेश किया।

फाइनेंशियल टाइम्स में कहा गया है कि भारत के कानूनों और नियामक ढांचे के कारण यह संबंध महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विनोद अडानी के साथ उनका रिश्ता मायने रखता है क्योंकि वह तथाकथित प्रमोटर समूह का हिस्सा हैं, जो कॉरपोरेट के अंदरूनी लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भारतीय कानूनी शब्द है, जिनकी शेयरधारिता शेयर बाजार नियमों के तहत 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। नियम का उल्लंघन करने पर डीलिस्टिंग हो सकती है। इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा, ‘आखिरकार, लूप बंद हो ही गया’

इस रिपोर्ट के बाहर आने पर अब विपक्ष मोदी सरकार पर हावी हो गई है। आज राहुल गांधी ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) की बैठक से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, दो विदेशी न्यूज पेपर्स के हवाले से कहा कि देश का पैसा बाहर भेजा जा रहा है। एक अरब (बिलियन) डॉलर भारत के बाहर गया। जो पैसा बाहर भेजा जा रहा है, वो पीएम के करीबी व्यक्ति का है।

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OCCRP क्या है?
OCCRP की स्थापना 2006 में हुई, जो खुद को इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म बताती है। ओपन सोसायटी फाउंडेशन ऑफ जॉर्ज सोरोस इसके फाउंडर है। OCCRP की वेबसाइट के अनुसार, वह कंपनियों के बारे में रिसर्च करती है और उसकी रिपोर्ट मीडिया संस्थानों की मदद से सीरीज में पब्लिश करती है। यह यूरोप, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया में काम करती है।

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OCCRP ने रिपोर्ट में क्या कहा

  1. कई टैक्स हेवन देशों की फाइलों और अडाणी ग्रुप के आंतरिक ई-मेल का हवाला देते हुए , OCCRP ने कहा कि उसकी जांच में कम से कम 2 ऐसे मामले सामने आए, जहां ‘रहस्यमयी’ निवेशकों ने इस तरह के ऑफशोर स्ट्रक्चर (गुमनाम फंड्स) के जरिए अडाणी के शेयर खरीदे और बेचे।
  2. OCCRP ने दावा किया कि अडाणी परिवार के साथ निवेशक नासिर अली शबान अहली और चैंग चुंग-लिंग के लंबे समय से व्यापारिक रिश्ते हैं। गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी के ग्रुप की कंपनियों और फर्मों में ये डायरेक्टर और शेयरहोल्डर के रूप में भी काम कर चुके हैं।
  3. इसमें आरोप लगाया गया है कि डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है कि उनके निवेश का काम संभालने वाली कंपनी ने विनोद अडाणी की कंपनी को उनके निवेश में सलाह देने के लिए भुगतान किया था।

अडानी ग्रुप की तरफ से क्या आई सफाई
हम इन रीसाइकल्ड आरोपों को खारिज करते हैं। ये न्यूज रिपोर्ट तर्कहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को फिर से जिंदा करने की एक कोशिश मालूम होती है। अडाणी ग्रुप ने कहा कि OCCRP ने जो आरोप लगाए हैं, वह एक दशक (10 साल) पहले बंद हो चुके मामलों से जुड़े हैं। उस वक्त राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ओवर इनवॉयसिंग, विदेश में फंड ट्रांसफर, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन और FPI के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी।

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मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था और मामले को बंद कर दिया था। अडाणी ग्रुप ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन पब्लिकेशन ने, जिन्होंने हमें प्रश्न भेजे थे, हमारे पक्ष को पूरी तरह से पब्लिश नहीं करने का फैसला लिया। इन कोशिशों का मकसद अन्य बातों के साथ-साथ हमारी कंपनियों के शेयरों को गिराकर मुनाफा कमाना है।

कई अथॉरिटीज इन शॉर्ट सेलर्स की जांच कर रही हैं।’ ग्रुप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और मार्केट रेगुलेटर सेबी इन मामलों की जांच कर रहे हैं। इसलिए रेगुलेटरी प्रोसेस की रिस्पेक्ट करना जरूरी है। हमें कानून की प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।

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अडानी स्टॉक में बड़ी गिरावट
अडनी एंटरप्राइजेज एनएसई पर 2.06 फीसदी गिरकर 2,461.45 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 2.65 फीसदी गिरकर 944.90 रुपये प्रति शेयर पर थे। अडानी पोर्ट 1.52 फीसदी गिरावट के साथ 806.55 रुपये, अडानी पावर 2.77 फीसदी गिरकर 319.30 रुपये, अडानी टोटल गैस 2.08 फीसदी गिरकर 638.90 रुपये, अडानी ट्रांसमिशन 2.84 फीसदी गिरकर 817.85 रुपये, अडानी विल्मर 1.29 फीसदी गिरकर 364.20 रुपये, अंबुजा सीमेंट 1.28 फीसदी गिरकर 438.35 रुपये, एनडीटीवी 0.91 फीसदी गिरकर 217.10 रुपये और एसीसी 1.35 फीसदी गिरकर 1,973.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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