Chess World Cup 2023: प्रगनानंद चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में, दुनिया के नंबर-3 खिलाड़ी को दी मात

प्रगननंदा 10 साल की उम्र में 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। प्रगनानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था। वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।

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भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद (Rameshbabu Praggnanandhaa) चेस के FIDE वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने सोमवार रात दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को टाई-ब्रेक में 3.5-2.5 से हराया। मंगलवार से होने वाले फाइनल में अब प्रज्ञानानंदा का मुकाबला पांच बार के चैंपियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से होगा, जिन्होंने सेमीफाइनल में अजरबेजान के निजात अबासोव को 1.5-0.5 से शिकस्त दी।

प्रज्ञानानंदा विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले आनंद के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय हैं। उन्होंने 2024 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह बना ली है जिससे डिंग लिरेन के चैलेंजर का फैसला होगा।

फाइनल में जगह पक्की करने के बाद प्रगनानंद ने कहा कि, मुझे इस टूर्नामेंट में मैग्नस के खिलाफ से खेलने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि मैं उनके खिलाफ केवल फाइनल में ही खेल सकता था। मुझे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी। मैं बस अपना बेस्ट देने की कोशिश करूंगा और देखूंगा कि आगे क्या होता है।

प्रगनानंद के बारें सबकुछ
प्रगनानंद तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ था। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं, जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी हाउस वाइफ हैं। प्रगननंदा 10 साल की उम्र में 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। प्रगनानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था। वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।

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