गाय को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने वाला देश का पहला राज्य बना BJP का ये गढ़

'धार्मिक ग्रन्थों में भी, हमें गाय का उल्लेख मिलता है और कहा जाता है कि इसके शरीर 33 करोड़ देवताओं और देवताओं का वास होता है।

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उत्तराखंड: गोवंध और गायों के नाम पर होनी वाली हिंसा पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक बिल विधानसभा में पेश किया है। यदि ये बिल पास कर दिया जाता है तो उत्तराखंड़ देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां गाय को राष्ट्रमाता घोषित कर दिया जाएगा।

इस बिल के बारें में बताते हुए उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने कहा, हम सभी (विपक्ष और सत्ता) गाय के महत्व से वाकिफ हैं। न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों में इसका सम्मान किया जाता है। उन्होंने आगे कहा, ‘धार्मिक ग्रन्थों में भी, हमें गाय का उल्लेख मिलता है और कहा जाता है कि इसके शरीर 33 करोड़ देवताओं और देवताओं का वास होता है। वह कहती हैं कि अगर गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिल जाता है तो इनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि गोवध बंद हो सके।

विपक्ष ने शुरू की गाय पर राजनीति
उत्तराखंड में विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश ने कहा, हम सभी गाय का सम्मान करते हैं लेकिन मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि बीजेपी गाय को राष्ट्र माता घोषित करके क्या साबित करना चाहती है? प्रदेश की गोशालाएं बुरी स्थिति में हैं और बूढ़े होने के बाद गायों को लोग छोड़ देते हैं। प्रदेश में पशुचिकित्सकों की भी कमी है। बीजेपी को इस और ध्यान देने की जरूरत है न कि राष्ट्रमाता बनाने के लिए। सभी गाय का सम्मान करते हैं तो माता तो वैसे भी है। अगर नियम और सुविधाएं सुचारू कर दी जाए तो परेशानी खुद खत्म है।

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव लाने के बजाय बीजेपी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी बछड़ा मारा न जाए, गायों को उचित भोजन मिले, गोशालों की स्थिति ठीक हो और बुजुर्ग जानवरों के लिए उचित बंदोबस्त कराया जाए। बता दें बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के विचार सुनने के बाद विधानसभा स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल ने वोटिंग के आधार पर प्रस्ताव पारित किया।

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