ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की लंबी छलांग, जानिए कौनसी मिली रैंक

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विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में भारत ने लंबी छलांग मारते हुए 77वें पायदान पर पहुंच गया है। साल 2017 में भारत 100वें स्थान पर था जबकि बुधवार को उसे 77वां स्थान हासिल हुआ। विशेषज्ञों की मानें तो कारोबार करने के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार से कई क्षेत्रों में लाभ होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जब पीएम मोदी सत्ता में आए थे, तो उन्होंने कहा था कि हमको इस इंडेक्स में 50वें पायदान पर आना है। हम इस दिशा की और धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।

गौरतलब है कि साल 2014 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 142 और साल 2017 में 100वें पायदान था।अब इस इंडेक्स में भारत 77वें पायदान पर पहुंचा गया है। 2018 में भारत ने 10 इंडिकेटर्स में से 6 में बेहतर प्रदर्शन किया है। कंस्ट्रक्शन परमिट में भारत ने 129 स्थान की छलांग लगाई है और इस साल 52 पर पहुंच गया है। इस साल कारोबार शुरू करने के मामले में भारत को 137 रैंकिंग मिली है। क्रेडिट पाने में भारत को 22वां स्थान मिला है। बिजली मिलने के मामले में भारत को 24वी रैंकिंग मिली है। वहीं कॉन्ट्रैक्ट लागू करवाने के मामले में भारत को 163 स्थान मिला है।

कैसे तय होता पैरामीटर-
अलग-अलग देशों में कारोबार की सुगमता के आधार पर यह इंडेक्स तैयार होता है। रेग्युलेशन की स्थिति प्रमुखता से देखी जाती है। सरकारी रेग्युलेशन के चलते कारोबार आसान हुआ है या मुश्किल, इस पर गंभीरता से विचार किया जाता है। इनमें प्रमुख हैं-कंस्ट्रक्शन परमिट, रजिस्ट्रेशन, लोन और टैक्स पेमेंट की मशीनरी। इन्हीं आधारों को ध्यान में रखकर देशों को इज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में स्थान जारी किया जाता है।

आपको बता दें, वर्ल्ड बैंक ने इस रैंकिंग को 2002 में शुरू किया था। पहली रिपोर्ट 2003 में पब्लिश की गई थी। इस रिपोर्ट में 5 इंडिकेटर और 133 देशों को शामिल किया गया था। अब इस रिपोर्ट में 190 देश शामिल हैं।

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