हाईवे पर अब Fastag से नहीं नंबर प्लेट से कटेगा टोल टैक्स, जानें क्या है ANPR सिस्टम

अभी टोल कंपनी एक साथ रुपए वसूल कर रही है। चाहे टोल चुकाने के बाद 5 किलोमीटर ही क्यों न जाना पड़े लेकिन, रुपए पूरे देने पड़ते हैं।

0
388

राजस्थान: केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय अब सड़को को हाईटेक बनाने जा रहा है। इसकी शुरुआत सबसे पहले राजस्थान से होगी। दरअसल केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम लागू होने वाला है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि व्हीकल के ओनर को उतने ही रुपए देने होंगे जितना वह हाईवे पर चला है। इसकी शुरुआत राजस्थान से गुजरने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से हो होगी।

राजस्थान में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) एक ऐसा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बना रहा है, जहां एक भी टोल बूथ नहीं होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद ये राजस्थान का सबसे बड़ा डेडिकेटेड एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। खास बात ये है कि इस एक्सप्रेस-वे पर कर्व और मोड़ बहुत कम हैं।

इसकी कनेक्टिविटी पंजाब, हरियाणा और अरब सागर के बंदरगाह तक भी होगी। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की राजस्थान में कुल लम्बाई 637 किलोमीटर है, जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लम्बाई 1,224 किलोमीटर है।

ये भी पढ़ें: आलिया भट्ट की इस गुडन्यूज से झूम उठा सोशल मीडिया, ऐसा लगा जैसे पूरे देश की समस्या हल होगी?

टोल के लिए कैसे कटेंगे आपके पैस-
अभी टोल पर फास्टैग से रुपए काटे जाते हैं। इससे पहले इसे स्कैन किया जाता है लेकिन नए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) सिस्टम में नंबर प्लेट स्कैन होगी और रुपए फास्टैग से ही कटेंगे यानी आपका FASTag एक तरह से वॉलेट का काम करेगा।

ये भी पढ़ें: जानिए लगातार हिट्स बटोरने वाला सिद्धू मूसेवाला का गाना क्यों किया गया बैन, फैंस नाराज

ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर से क्या होगा फायदा-
अभी टोल कंपनी एक साथ रुपए वसूल कर रही है। चाहे टोल चुकाने के बाद 5 किलोमीटर ही क्यों न जाना पड़े लेकिन, रुपए पूरे देने पड़ते हैं। नए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) सिस्टम में आप जितनी गाड़ी हाईवे पर चलाएंगे उतने ही रुपए कटेंगे।

ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैसे काम करेगा-
-हाईवे पॉइंट पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे और नंबर प्लेट रीडर लगाए जाएंगे।
-गाड़ी एंट्री होते ही नंबर प्लेट ऑटोमैटिक ट्रेस हो जाएगी और डिटेल सेंट्रल कमांड सेंटर तक पहुंचेगी।
-गाड़ी एग्जिट भी निर्धारित पॉइंट से होगी, वहां से निकलने पर यहां भी नंबर प्लेट स्कैन होगी।
-एंट्री और एग्जिट पॉइंट की दूरी का केलकुलेशन कर रुपए अकाउंट से काट लिए जाएंगे।

कब तक होगा प्रोजेक्ट पूरा-
वर्तमान में 6 लेन वाले प्रोजेक्ट का राजस्थान में 64% (407KM) काम पूरा हो चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 14,707 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है और इस प्रोजेक्ट को सितम्बर 2023 तक पूरा करने का टारगेट है।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।