नैनीताल का ऐसा मंदिर जहां रुमाल बांधने से पूरी होती है मनोकामना, जानें इस मंदिर के बारें में सबकुछ?

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उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। मान्यता है कि यहां के कण कण में देवों का वास है। ऐसा ही एक मंदिर नैनीताल में स्थित है, जहां रुमाल बांधने और मंदिर की परिक्रमा मात्र से ही आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर आप यहां आएंगे तो आपको अपने चारों तरफ रुमाल ही रुमाल की दीवार दिखाई देगी।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, कहा जाता है कि यहां नैनीताल के चिड़ियाघर में कुमाऊं (Gangnath Devta Temple) के कुल देवता गंगनाथ की का प्राचीन मंदिर स्थित है। गंगनाथ जी को कुमाऊं में न्याय के देवता गोलू देवता की तरह ही न्याय का देवता माना गया है। साथ ही साथ गंगनाथ जी को भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले देवता भी कहा जाता है।

इस मंदिर की स्थापना ब्रिटिश शासन काल में सन् 1815 ई में हुई थी। तब से लेकर अब तक यहां दूर दूर से भक्त अपनी मनोकामना लेकर गंगनाथ जी के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। इससे पहले उनके पिताजी यहां के प्रधान पंडित हुआ करते थे. उनको स्वप्न में भगवान का आदेश हुआ और उस आदेशानुसार उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शंकर की मूर्ति को भी गंगनाथ जी के साथ स्थापित किया था।

रुमाल बांधने से पूरी होती है मनोकामना
मान्यता है कि इस मंदिर में अपना एक अंग वस्त्र (रुमाल कपड़ा आदि) बांध कर मन्नत मांगी जाती है। उसके बाद रुमाल या अन्य कपड़े को बांधा जाता है और मन्नत पूरी होते ही यहां आकर एक रुमाल की गांठ को खोलकर एक घंटी चढ़ाने की परंपरा है। यहां टांगी गई लाखों घंटियां यहां लोगों की पूरी हुई मन्नत की गवाह हैं।

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