इन दो खास कारणों की वजह से शरद पूर्णिमा को चांद की रोशनी में रखी जाती है खीर

चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाने से शरीर और मन दोनों को शीतलता मिलती है। रोगों से छुटकारा मिलता है। कहा तो ये भी जाता है कि इससे सांस और कफ से जुड़ी बीमारी भी दूर होती है।

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आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह साल में एक दिन दिवाली से कुछ दिन पहले आती है। इस दिन खीर बनाने और उसे चांद की रोशनी में रखने की परंपरा है। अब आप सोचेंगे कि ऐसा क्यों होता है। तो इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है और दूसरा पौराणिक। तो चलिए आपको बताते हैं दरअसल, शरद पूर्णिमा के दिन खीर क्यों बनाई जाती है।

पुराने लोग बताते हैं कि, इस दिन रात में जागने की परंपरा है और इसी वजह से इसे जागृति पूर्णिमा भी कहा जाता है।कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा पूरी 16 कलाओं से पूर्ण होता है और इससे अमृत बरसता है जो सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन खीर बनाई जाती है और एक पतले सूती कपड़े से ढक्कर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है।

वैज्ञानिक कारण-
आज के दिन खीर बनाना और चांद की रोशनी में रखने के पीछे वैज्ञानिक तर्क दिया जाता है कि दूध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है जो कि चांद की किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इस खास दिन चन्द्रमा की किरणों में खास तरह के विटामिन आ जाते हैं।

इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है। यह परंपरा विज्ञान पर आधारित है। शोध के अनुसार खीर को चांदी के पात्र में बनाना चाहिए क्योंकि चांदी में प्रतिरोधकता अधिक होती है। यही कारण है कि इस दिन चांदी के पात्र में खुले आसमान के नीचे खीर बनाने और इसे ग्रहण करने की मान्यता है।

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पौराणिक कारण-
वैज्ञानिक और पौराणिक कारणों में ज्यादा अंतर नहीं है। बस, पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार चांद शरद पूर्णिमा के दिन धरती के सबसे नजदीक होता है और नजदीक होने के कारण चांद की रोशनी धरती पर ज्यादा पड़ती है जो हमारे स्वास्थय के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है। चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाने से शरीर और मन दोनों को शीतलता मिलती है। रोगों से छुटकारा मिलता है। कहा तो ये भी जाता है कि इससे सांस और कफ से जुड़ी बीमारी भी दूर होती है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि आती है. व्यापार, करियर में बढ़ोतरी होती है साथ उस परिवार के लोगों को कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।

तो आप भी आज रात खीर बनाएं और चांद की रोशनी में रखें। याद रखें इसे अगले दिन भगवान शिव को अर्पित कर सभी घरवालों के साथ सेवन करें।

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