Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि मुहूर्त पूजाविधि, इस चीज का करें दान, होगी अशुभता दूर

महाशिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति के मन में हो रही उथल-पुथल शांत होती है। साधक आध्यात्म की ओर जाने में अग्रसर होता है शिव कृपा से उसकी तमाम परेशानियों का अंत होता है

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फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। फाल्गुन माह में पड़ने वाली इस महाशिवरात्रि के दिन, जितना शुभ फलदायक शिव पूजन है उतना ही लाभकारी माना जाता है इस दिन दान करना।

मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन घी का लेप शिवलिंग पर लगाने के बाद इसका दान भी अवश्य करना चाहिए। घी का दान करने से घर पर आया संकट टल जाता है। घर में अशुभता का प्रवेश बाधित हो जाता है। घर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।

महाशिवरात्रि मुहूर्त (Mahashivratri Time)

महाशिवरात्रि प्रदोष काल मुहूर्त 8 मार्च 2024 को शिव पूजा में जलाभिषेक के लिए प्रदोष काल मुहूर्त शाम 06.25 से रात 08.52 तक है।

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महाशिवरात्रि निशिता काल मुहूर्त  8 मार्च, देर रात 12.07 – देर रात 12.55. धार्मिक मान्यता है कि शिवरात्रि के पूरे दिन शिवलिंग में भोलेनाथ विराजमान होते हैं लेकिन रात्रि काल में पूजा खास महत्व रखती है. इस दिन आधी रात में ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था।

महाशिवरात्रि की सामग्री

गंगाजल, अक्षत, पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, भांग, भस्म,  अबीर, गुलाल, भौडल, दान के लिए दक्षिणा, बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, रुद्राक्ष, चंदन, गन्ने का रस, पंचमेवा, मिठाई, फल, फूल, वस्त्र, मौली, देवी पार्वती के लिए कुमकुम, हल्दी, सुहाग सामग्री।

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महाशिवरात्रि का व्रत (Mahashivratri vart)
महाशिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति के मन में हो रही उथल-पुथल शांत होती है। साधक आध्यात्म की ओर जाने में अग्रसर होता है शिव कृपा से उसकी तमाम परेशानियों का अंत होता है, वह जीवनभर भौतिक सुखों को प्राप्त कर, मृत्यु के पश्चात स्वर्ग में स्थान पाता है।

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