राजस्थान के 26 जिले मेडिकल सेवाओं में फेल- एनक्यूएएस रिपोर्ट

0
293

जयपुर: मेडिकल सेवाओं में केन्द्र सरकार के क्वालिटी स्टैंडर्ड पर प्रदेश के 27 जिला अस्पतालों में से केवल एक ही अस्पताल खरा उतर पाया है। केंद्र सरकार ताजा रिपोर्ट में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफाइड (एनक्यूएएस) के तहत राजस्थान से केवल राजसमंद के 150 बेड के जिला अस्पताल को जगह मिल पाई है।

राजसमंद जिला अस्पताल ही प्रदेश का एकमात्र अस्पताल बना है, जिसे क्वालिटी स्टैंडर्ड पूरा करने की वजह से प्रति बैड 5 हजार रुपए के हिसाब से साल भर में 15 लाख रुपए की केंद्रीय मदद मिलेगी। शेष 26 जिला अस्पताल दौड़ से बाहर होने से इन अस्पतालों में दी जा रही क्वालिटी से युक्त इलाज की सुविधाओं पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। देश में राजस्थान जिला अस्पतालों में एनक्यूएएस के पैरामीटर के हिसाब से सात राज्यों से पीछे है। राजसमंद अस्पताल को वर्ष 2016-17 में कंडीशनल तथा 2017-18 में पूरी तरह से मानकों पर खरा उतरने पर प्रमाण पत्र मिला है।

वहीं इस संबंध में चिकित्सा मंत्री कालीचरण ने कहा राजसमंद की तरह अन्य जिला अस्पतालों को केन्द्र के ‘नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफिकेट के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। केन्द्र की ओर से बैड के हिसाब से पैसा मिलने पर और सुविधाएं विकसित की जा सकेंगी। और मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा। इस साल के लिए चित्तौडगढ़ जिला अस्पताल के अलावा दो सीएचसी व दो पीएचसी के लिए पत्र लिखा है।

पीएचसी में महाराष्ट्र पहले नंबर पर
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी से युक्त सुविधा देने में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। जहां की 28पीएचसी राष्ट्रीय स्तर के मानकों पर है। हरियाणा की 8 पीएचसी शामिल होने पर दूसरे नंबर पर है। राजस्थान की एक भी पीएचसी इस पैरामीटर में शामिल नहीं हो पाई है।

कहां से कितने एनएक्यूएस प्रमाणित अस्पताल
राज्य-  एनक्यूएएस
आंध्रप्रदेश- 7
गुजरात- 4
हरियाणा- 4
पंजाब- 4
कर्नाटक- 3
यूपी- 3
पश्चिम बंगाल- 2
राजस्थान- एक
केरल- एक
दिल्ली- एक

ऐसे मिलता है नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड
इस सर्टिफिकेट के लिए 18 विभाग व 8 इंडेक्स के आधार पर चयन किया जाता है। इंडेक्स में 5 हजार चेक पाइंट का बारीकी से अध्ययन करने पर ही अस्पताल का चयन होता है। हरेक में 70 फीसदी अंक लाना अनिवार्य है। केन्द्र सरकार प्रमाण पत्र के साथ-साथ जिला अस्पताल को सुविधाएं विकसित करने के लिए सहायता राशि देती है। टीम के सदस्य अस्पतालों की एक्सीडेंट इमरजेंसी, इनडोर, आउटडोर, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, मोर्चरी, सामान्य प्रशासन, ब्लड बैंक, कुपोषण उपचार केन्द्र, मैटर्निटी व पीडियाट्रिक वार्ड, पोस्टमार्टम यूनिट, आईसीयू, एसएनसीयू, रेडियोलॉजिकल विभाग, जांच सुविधा, बिजली-पानी, पार्किंग, कंप्यूटराइज्ड की सुविधा को देखते हैं। इंडेक्स में मरीजों के अधिकार, सपोर्ट सर्विसेज, क्लीनिकल सेवाएं, क्वालिटी मैनेजमेंट व इंफैक्शन कंट्रोल की जांच करते है।

ये भी पढ़े:

रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए

ताजा अपडेट के लिए लिए आप हमारे फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल को फॉलो कर सकते हैं