क्या सच में ढह जाता लालकिला? साफ-सफाई में निकली 25 लाख किलो धूल-मिट्टी

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नई दिल्ली:  जिस लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी हर साल स्वतंत्रता दिवस पर देश को सबोधित करते थे। उसी इमारत की खबर मिली है वह जल्द ढहने वाली थी। दरअसल लालकिले की छत पर 25 लाख किलो धूल-मिट्‌टी जमा थी। मिट्‌टी की 2 मीटर ऊंची परतें जम गई थीं। पिछले 5 महीने से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) इसकी सफाई में जुटा था। अब जब काम पूरा हुआ, तो एएसआई ने बताया कि- लालकिले पर इतनी धूल जमा थी कि अगर अभी भी इसे हटाया नहीं जाता, तो प्राचीर का ये हिस्सा धूल के बोझ से गिर सकता था।

ये लालकिले के सामने का वही हिस्सा है, जहां से हर साल प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देते हैं। धूल की यह परत करीब 100 साल से जमती आ रही थी, वो भी मुख्य गेट ‘लाहौरी गेट’ की छत पर। तबसे लेकर अब तक इसे हटाने के लिए जरूरी साफ-सफाई नहीं कराई गई। नतीजतन धूल और तमाम कूड़ा-कचरा जमते-जमते इतना ज्यादा हो गया।

पुरातत्व विभाग का ये मरम्मत कार्यक्रम करीब एक साल चलना है। इसके तहत लालकिले के अंदर लगने वाली मार्केट का स्वरूप बेहतर किया जाएगा। यहां पीने के पानी, वाशरूम वगैरह की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। इसके अलावा तमाम दीवारों पर प्लास्टर की कई-कई परतें जम गई थीं, जिसकी वजह से दीवारों पर बनीं मुगल काल की पेंटिंग्स दिख ही नहीं रही थीं। प्लास्टर की इन परतों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा, ताकि पेंटिंग्स को नुकसान ना हो। पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 60 करोड़ रुपए तक रहेगी।

पुरातत्व विभाग के दिल्ली सर्किल के इंचार्ज एनके पाठक ने बताया- ‘लाहौरी गेट में जमी इस मिट्टी की नमी से किले की दीवारों को भी नुकसान हो रहा था। गेट के दोनों तरफ से अब तक 25 लाख किलो मिट्‌टी हटाई जा चुकी है। अब गेट पर सैंडस्टोन लगाए जाएंगे, ताकि दीवार में नमी न जाए।’

अंग्रेजों ने मिट्‌टी डलवाई थी, ताकि चांदनी चौक पर नजर रख सकें
करीब 100 साल पहले अंग्रेजो ने लाहौरी गेट और दिल्ली गेट के पास मिट्‌टी भरकर इसे ऊंचा बना दिया था, ताकि दोनों गेटों से चांदनी चौक पर नजर रखी जा सके। तबसे ये मिट्‌टी यूं ही जमी रही। इस पर और धूल जमती रही। 2 साल पहले लालकिले के दिल्ली गेट की भी मिट्‌टी हटाई गई थी। इसके बाद से ही लाहौरी गेट की भी मिट्‌टी हटाने की योजना बन रही थी। पुरातत्व विभाग ने इसके लिए गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी।

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