ग़रीबी के कारण भीख मांगना अपराध नहीं है-केंद्र सरकार

0
299

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि भीख अगर गरीबी के कारण मांगी जा रही है तो उसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। दरअसल, कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि कोई व्यक्ति मजबूरी में ही भीख मांगता है या अपनी इच्छा से भी ऐसा करता है।

केंद्र का यह पक्ष उन दो जनहित याचिकाओं पर सामने आया जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में भिक्षुकों के लिए मूल मानवीय एवं मौलिक अधिकारों की मांग की गई और भिक्षावृत्ति को अपराध नहीं मानने की बात कही गई है। मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की एक पीठ ने पूछा, कोई व्यक्ति मजबूरी में ही भीख मांगता है या अपनी इच्छा से भी? क्या आपने किसी को देखा है जो अपनी इच्छा से भीख मांगता हो?

केंद्र सरकार ने एक हलफनामा देकर कहा कि वर्तमान में 20 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने या तो अपने खुद के भिक्षावृत्ति-निरोधक कानून लागू किए हुए हैं या दूसरे राज्यों द्वारा लागू कानूनों को अपनाया है। केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अनिल सोनी के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा गया, भिक्षावृत्ति से संबंधित किसी भी कानून में बदलाव के लिए संबंधित राज्य सरकारों के नजरिये को समझाने की जरूरत होगी।

ये भी जरूर पढ़ें- चंडीगढ़ रेप केस: किरण खेर के बयान पर शुरू हुई राजनीति, देखें VIDEO

इसमें कहा गया कि भीख मांगने को तब अपराध नहीं माना जाना चाहिए जब कोई गरीबी के कारण ऐसा करता हो हालांकि यह पता लगाने के लिए कि कोई मजबूरी में ऐसा कर रहा है या इच्छा से या उसे जबरन इसमें धकेला गया है, उसे हिरासत में लेना जरूरी हो जाता है।

ये भी जरूर पढ़ें- शर्मनाक: कस्तूरबा गांधी स्कूल में शिक्षकों ने उतरवाए 88 छात्राओं के कपड़े

केंद्र ने याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज करने की अपील की कि इनपर अमल मुमकिन नहीं है और कहा, ऐसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी और जांच के बाद ही उनके भीख मांगने के पीछे के कारणों का पता चल सकता है. इसलिए, बॉम्बे भिक्षावृत्ति निरोधक अधिनियम की धाराओं में उल्लेखित हिरासत में लेने का प्रावधान जरूरी है। अदालत ने मामले की सुनवाई अगले वर्ष नौ जनवरी के लिए तय की है।

ये भी पढ़ें-

रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी करें)