महादेव ऐप केस में जुड़ा CM भूपेश बघेल का नाम, 508 करोड़ का हुआ फायदा, जानें छत्तीसगढ़ में कैसे फैला जाल?

छत्तीसगढ़ के भिलाई से आने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक एप के मेन प्रमोटर हैं। ये अपनी गतिविधियां दुबई से संचालित करते हैं।

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Mahadev Betting App पिछले दिनों सुर्खियों में आए महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के तार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) से जुड़ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।

ED ने यह दावा- गुरुवार को गिरफ्तार किए गए कैश कूरियर असीम दास के हवाले से किया है। साथ ही ED ने कहा है कि अब इसकी जांच की जा रही है। भूपेश बघेल को लेकर ईडी ने ये बड़ा दावा ऐसे समय में किया है जब राज्य में कुछ ही दिनों बाद चुनाव होने हैं।

ईडी के बयान में क्या कहा?
ईडी ने एक बयान में कहा है कि, “असीम दास से पूछताछ के बाद और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच और शुबम सोनी (महादेव नेटवर्क के आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पहले भी कई बार नियमित भुगतान किया गया है और अब तक महादेव ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।”

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महादेव ऑनलाइन ऐप क्या है?
ईडी के अनुसार, महादेव ऑनलाइन ऐप पोकर और अन्य कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और अन्य लाइव गेम्स में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध करता है। यहां तक ​​कि भारत में विभिन्न चुनावों पर भी दांव लगाने का अवसर देता है। यह कई कार्ड गेम जैसे ‘तीन पत्ती’, पोकर, ‘ड्रैगन टाइगर’, वर्चुअल क्रिकेट गेम और भी बहुत कुछ खेलने की सुविधा प्रदान करता है।

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भूपेछ बघेल ने आरोप पर क्या कहा?
ED के दावे पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा- इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है। किसी को पकड़कर दबाव बनाने का क्या मतलब। मैं प्रधानमंत्री पर कुछ भी आरोप लगा दूंगा तो क्या सही हो जाएगा।

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क्यों जुड़े महादेव ऐप के तार छत्तीसगढ़ से?
छत्तीसगढ़ के भिलाई से आने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक एप के मेन प्रमोटर हैं। ये अपनी गतिविधियां दुबई से संचालित करते हैं। पहले मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस कर रही थी। अगस्त 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसकी जांच शुरू कर दी।

अवैध गतिविधियों के लिए प्रमोटरों और पैनल ऑपरेटरों द्वारा संदिग्ध लोगों के नाम पर बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले गए। ईडी के मुताबिक, सबसे ज्यादा बैंक खाते छत्तीसगढ़ में ही खुले। खिलाड़ियों और पैनल ऑपरेटरों की सहायता के लिए ‘एचओ’ द्वारा विदेशों से कई कॉल सेंटर चलाए जा रहे हैं। एजेंसी ने दावा किया कि भिलाई के युवा बड़ी संख्या में दुबई पहुंचे और बैक-एंड ऑपरेशन चलाना सीखने के बाद भारत वापस आकर अपने स्वयं के पैनल खोलने लगे।

ED ने गुरुवार को कूरियर असीम दास के पास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद किए। इन्हें गिनने के लिए SBI से मशीन मंगवाई गई।

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ईडी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ पुलिस का एएसआई चंद्र भूषण वर्मा राज्य में ग्राउंड पर मुख्य संपर्ककर्ता के रूप में काम कर रहा था। वह सतीश चंद्राकर नाम के एक व्यक्ति के साथ दुबई स्थित महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों से हवाला के जरिए हर महीने मोटी कमाई कर रहा था। आगे इस पैसे को एएसआई चंद्र भूषण वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े नेताओं को ‘संरक्षण राशि’ के रूप में वितरित कर रहा था।

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ईडी ने बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को लगभग 65 करोड़ नकद राशि मिली थी और उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत दी थी। एएसआई वर्मा ने ईडी के सामने स्वीकार किया है कि वह कई शक्तिशाली लोगों के लिए बड़ी मासिक रिश्वत ले रहा था और भुगतान कर रहा था।

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