यहां 9 साल से रात 12 से सुबह 6 बजे तक होते थे अवैध गर्भपात, 9 लोग अरेस्ट

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महाराष्ट्र: सांगली से तकरीबन 30 किमी पर बसे मेहसाणा के लोगों में डॉक्टर्स के प्रति जबरदस्त गुस्सा है। कुछ दिनों पहले तक उन्हें पता नहीं था कि उनके गांव में डॉक्टर्स ऐसा कृत्य कर रहे हैं, जिससे इंसानियत शर्मसार हो जाए। यहां का डॉ. बाबासाहब खिद्रापुरे अपने भारती हॉस्पिटल में रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक गैरकानूनी तरीके से अबॉर्शन (गर्भपात) करता था और मोटी रकम कमाता था।

पुलिस ने इस मामले में अब तक 9 लोगों को अरेस्ट किया है। यह मामला तक सामने आया जब हाल ही में यहां पर गर्भपात कराने आई एक महिला की मौत हो गई। जांच हुई तो अस्पताल के नजदीक ही  जमीन में गड़े हुए पाए गए। डॉ. खिद्रापुरे पिछले 9 साल से यह अवैध काम कर रहा था। इस काम में दूसरे कई डॉक्टर और परिचित साथ देते थे।

नहीं था नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन:

होम्योपैथिक काउंसिल की टीम मेहसाणा जाकर लौटी है और डॉ. खिद्रापुरे का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। डॉ. खिद्रापुरे ने नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन के लिए 2012 में डिस्ट्रिक्ट काउंसिल में अर्जी दी थी। तब के हेल्थ ऑफिशियल ने बीएचएमएस की डिग्री होने से उसकी अर्जी खारिज कर दी थी। उसके बाद भी डॉ. खिद्रापुरे गैरकानूनी तरीके से अबॉर्शन कर रहा था।
मरीज लाने पर एजेंट को मिलते थे 5 से 10 हजार रुपए :
डॉ. खिद्रापुरे यह सब एक नेटवर्क बनाकर करता था। डॉ. घोडके और डॉ. देवगीकर भ्रूण का जेंडर टेस्ट कर उसके पास मरीज भेजते थे। ये मरीज सीधे खिद्रापुरे के पास नहीं जाते थे बल्कि एक एजेंट इन्हें लेकर उसके पास जाता था।
इस काम के लिए एजेंट को भी 5 से 10 हजार रुपए कमीशन दिया जाता था।
कर्नाटक के डॉक्टर बड़े पैमाने पर शामिल
इस रैकेट में कर्नाटक के कागवाड का डॉ. श्रीहरी घोडके और बिजापुर का डॉ. रमेश देवगीकर भी इसमें शामिल थे। इस मामले की पूरी जानकारी सामने आना जरूरी है। डॉ. खिद्रापुरे को बहुत लोगों ने मदद की है। जल्द से जल्द कार्रवाई करना जरूरी है। पुलिस इस मामले में अभी जांच कर रही है। यह भी पता चला है कि डॉ. खिद्रापुरे अपने दूध वाले को भ्रूण देता था और वो उसे जमीन में गाड़ने का काम करता था।

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