सरकारी गेहूं भी बंद,बिना हाथों के कैसे चले परिवार का गुजारा

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जिला संवाददाता भीलवाड़ा। विधानसभा के बदनोर उपखंड का झरडु का खेड़ा (लक्ष्मीपुरा) गांव जहां एक कच्चे मकान में निवासरत कैलाश भील का परिवार l कहानी बड़ी ही दुख भरी है 6 माह पूर्व गुजरात में मजदूरी करते वक्त कैलाश के करंट लगने पर उपचार के दौरान दोनों हाथ व पैर की उंगलियां काटनी पड़ी ।जर्जर क्षतिग्रस्त कच्चे मकान में रहने वाले कैलाश के पिता व परिवार पूर्ण रूप से कैलाश की मजदूरी पर रोजी-रोटी कर जीवन यापन कर रहा था । इस दुर्घटना के बाद कैलाश के परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई बिना हाथों के कैसे मजदूरी करें । ऊपर से सरकार द्वारा मिलने वाले गेहूं भी कैलाश के परिवार को नहीं मिल पा रहे हैं । 25 वर्षों पूर्व कैलाश की मां का निधन हो गया बुजुर्ग पिता बालू लाल खेती-बाड़ी करके पेट पालने का प्रयास करते हैं,गर्भवती पत्नी के एक बेटी है । ऐसी विकट समस्या से जूझ रहे इस परिवार ने सरकार के सामने जिंदा रहने के लिए दो रोटी की सहायता तथा कैलाश के इलाज की भामाशाह व स्वयंसेवी संगठनों तथा मुख्यमंत्री सहायता से कैलाश के हाथों की इलाज की गुहार की।

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