नए साल पर पीएम मोदी ने दी बड़ी छूट, गर्भवतियों के लिए 6 हजार रु. की मदद का एलान

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दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए कहा कुछ बड़ी घोषणाएं की। जिसमें गरीब, निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग घर खरीद सकेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीम बनाई गई हैं। इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट मिलेगी और 12 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके अलावा सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलिवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए छह हजार रुपए की मदद देगी।
मोदी ने कहा, ”नई उमंग, नया जोश, नए सपने लेकर नववर्ष का स्वागत करेंगे। दीपावली के तुरंत बाद हमारा देश ऐतिहासिक शुद्धि यज्ञ का गवाह बना है। सवा सौ करोड़ देशवासियों के प्रयत्न से ये जो शुद्धि यज्ञ चला, आने वाले वर्षों में यह अहम भूमिका निभाएगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम कहते हैं कि ‘कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी’… इस बात को देशवासियों ने जीकर दिखाया है. दीवाली के बाद की घटनाओं से ये सिद्ध हो चुका है कि करोड़ों देशवासी ऐसी घुटन से मुक्ति के अवसर की तलाश कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दिवाली के तुरंत बाद हमारा देश ऐतिहासिक शुद्धि यज्ञ का गवाह बना.
भाषण के मुख्य अंश :
  • मोदी ने कहा, ”हम कब तक सच्चाइयों से मुंह मोड़ते रहेंगे। मैं आपके सामने जानकारी साझा करना चाहता हूं। इसे सुनने के बाद आप या तो हंस पड़ेंगे या गुस्सा फूट पड़ेगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में सिर्फ 24 लाख लोग ये स्वीकारते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपए सालाना से ज्यादा है। क्या किसी देशवासी के गले ये बात उतरेगी? आप भी अपने आसपास बड़ी-बड़ी कोठियां-गाड़ियां देखते होंगे। किसी एक बड़े शहर में आपको सालाना 10 लाख से अधिक आय वाले लाखों लोग मिल जाएंगे। देश की भलाई के लिए ईमानदारी के आंदोलन को अधिक ताकत देने की जरूरत है।”
  • ”गांव, गरीब, किसान, शोषित, वंचित और महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, आर्थिक रूप से पैरों पर खड़ी होंगी, देश उतना ही मजबूत बनेगा और विकास होगा। सबका साथ, सबका विकास। इस ध्येय वाक्य काे चरितार्थ करने के लिए नववर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए सरकार कुछ नई योजनाएं ला रही है। स्वतंत्रता के इतने साल बाद भी देश में लाखों गरीबों के पास अपना घर नहीं है। जब अर्थव्यवस्था में कालाधन बढ़ा तो मध्यमवर्ग की पहुंच से घर दूर हो गया था। गरीब, निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग घर खरीद सकें इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में इस वर्ग को नए घर देने के लिए दो नई स्कीम बनाई गई हैं। इसके तहत 2017 में घर बनाने के लिए 9 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट मिलेगी और 12 लाख रुपए तक के कर्ज पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बनने वाले घरों की संख्या को भी बढ़ा दिया है। पहले जितने घर बनते थे, उनसे 33 प्रतिशत ज्यादा घर बनाए जाएंगे। गांव में रहने वाले जो लोग 2017 में अपना घर बनाना चाहते हैं या पुराने घर में एक-दो कमरे या मंजिल बनाना चाहते हैं, उन्हें दो लाख रुपए तक के कर्ज में तीन प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी।”
  • ‘देश में माहौल बना था कि खेती नहीं हो रही। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में रबी की बुवाई में 6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। फर्टिलाइजर भी 9 प्रतिशत ज्यादा उठाया गया है। किसानों को दिक्कत ना हो, ये ध्यान रखा गया। किसान भाइयों के हित में और अहम निर्णय लिए गए हैं। डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक और प्रायमरी सोसायटी से जिन किसानों ने बुवाई के लिए कर्ज लिया था, उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी और किसानों के खातों में ट्रांसफर करेगी। इनसे और ज्यादा कर्ज किसानों को मिल सके, उसके लिए उपाय किए हैं। नाबार्ड ने पिछले महीने 21 हजार करोड़ की व्यवस्था की थी। सरकार इसे दोगुना करते हुए इसमें 20 हजार करोड़ रुपए और जोड़ रही है। इसे नाबार्ड कम ब्याज पर लोन देगा और नाबार्ड को होने वाले नुकसान को सरकार वहन करेगी। सरकार ने यह भी तय किया है कि अगले तीन महीने में तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड में एक कमी यह थी कि पैसे निकालने के लिए बैंक जाना पड़ता था। अब जब किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जाएगा तो किसान कहीं पर भी अपने कार्ड से खरीद-बिक्री कर पाएगा।”
  • जो कारोबारी साल में दो करोड़ रुपए तक का कारोबार करते हैं, उनके टैक्स की गणना 8 प्रतिशत आय को मानकर की जाती थी। अब वे डिजिटल लेनदेन करेंगे तो 6 प्रतिशत आय मानी जाएगी। इस तरह उनका टैक्स काफी कम हो जाएगा।’
  • एमएसएमई यानी लघु, मध्यम उद्योगों का भी खेती जैसा महत्व है। सरकार ने तय किया है छोटे कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए की जाएगी। भारत सरकार एक ट्रस्ट के जरिए बैंकों को यह गारंटी देती है कि आप छोटे व्यापारियों को लोन दीजिए, गारंटी हम लेते हैं। एक करोड़ रुपए तक का लोन कवर किया जाता था। अब दो करोड़ रुपए तक का लोन क्रेडिट गारंटी से कवर होगा। नाॅन बैकिंग फाइनेंशियल कंपनियों से दिया गया लोन भी कवर होगा। इससे छोटे दुकानदार, छोटे उद्योगों को मिलेगा। गारंटी का खर्च केंद्र वहन करेगा, इसके चलते कर्ज पर ब्याज दर भी कम होगी। सरकार ने बैंकों काे यह भी कहा है कि छोटे उद्याेगों के लिए कैश क्रेडिट लिमिट 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करें। डिजिटल ट्रांजैक्शन पर वर्किंग कैपिटल लोन 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने को कहा गया है। नवंबर में इस सेक्टर से जुड़े बहुत लोगों ने कैश डिपॉजिट किया है। बैंकों से यह संज्ञान लेने को कहा गया है।”
  • सरकार का मुद्रा योजना को डबल करने का इरादा है। मैं माताओं-बहनों से भी कहना चाहता हूं कि गर्भवती महिलाओं के लिए देशव्यापी योजना की शुरुआत की जा रही है। देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलिवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए छह हजार रुपए की मदद देगी। ये राशि सीधे उनके खाते में जमा होगी। देश में माता मृत्यु दर को कम करने में इस योजना से बड़ी सहायता मिलेगी। अभी सिर्फ चार हजार रुपए की मदद 53 जिलों में महिलाओं को दी जा रही है।”
  • ‘सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक स्कीम शुरू करने जा रही है। बैंक में ज्यादा पैसा आने पर अक्सर डिपॉजिट पर ब्याज घट जाता है। वरिष्ठ नागरिकों पर इसका प्रभाव न हो। इसके लिए साढ़े सात लाख रुपए की राशि पर 10 साल के लिए सालाना आठ प्रतिशत ब्याज सुरक्षित किया जाएगा। ब्याज की यह राशि नागरिक हर महीने प्राप्त कर सकेंगे।”
  • अब वक्त आ गया है कि सभी नेता और दल जनता के आक्रोश को समझें और ईमानदार लोगों का आदर करें। ये बात सही है कि राजनीतिक दलों ने समय-समय पर सार्थक प्रयास किए हैं। सभी दलों ने स्वेच्छा से अपने ऊपर बंधनों को स्वीकार किया है। आज आवश्यकता है कि सभी राजनेता और सभी राजनीतिक दल हॉलियर दैन काऊ से अलग हटकर भ्रष्टाचार और कालेधन से राजनीति को मुक्त कराने में कदम उठाएं। आम लोगों से राष्ट्रपतिजी तक सभी ने साथ-साथ चुनाव कराने को कहा है। आए दिन चल रहे चुनावी चक्र और उससे उत्पन्न बोझ से मुक्ति पाने की बात कही है। अब इस पर सार्थक बहस करने का वक्त आ गया है।”