कर्नाटक चुनाव: भाजपा की रणनीति के बारें में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

0
268

बेंगलुरू: कर्नाटक में चुनावी प्रचार थम चुका है। कल वोट डलने है और 15 मई को परिणाम आने है। इसी बीच खबर मिली है कि कर्नाटक को फतह करने के लिए भाजपा ने रैलियों और रोड-शो के अलावा माइक्रो लेवल पर भी काफी काम किया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने सबसे सफल पन्ना प्रमुख फॉर्मूले को कर्नाटक में भी लागू किया है। पर शाह ने इस बार इसे दो पार्ट में बांटा है। पहली बार राज्य में अर्द्ध पन्ना प्रमुखों की टीम बनाई है। ताकि पन्ना प्रमुखों का भार कुछ हलका हो।

भाजपा ने राज्य के 56,696 पोलिंग बूथों पर करीब 10 लाख अर्द्धपन्ना प्रमुख तैनात किए हैं। राज्य में कुल 4.96 करोड़ मतदाता हैं। यानी एक अर्द्ध पन्ना प्रमुख के पास 45 से 50 मतदाताओं की जिम्मेदारी है। दरअसल, शाह ने गुजरात चुनाव में कई सीटों पर कम अंतर से हार-जीत के बाद इस रणनीति को कर्नाटक में अपनाया है। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने राज्य के चुनाव प्रबंधक मुरलीधर को सौंपी थी। राज्य में अर्द्ध पन्ना प्रमुख बनाने का कार्य पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था। पन्ना प्रमुख और अर्द्ध पन्ना प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं को बनाया गया है।

क्याें अर्द्ध पन्ना प्रमुख बनाए गए
एक बूथ पर अमूमन वोटर लिस्ट में 8 से 15 पन्ने और 16 से 30 पेज होते हैं। हर पन्ने पर करीब 100 वोटर होते हैं। 1 पन्ना प्रमुख के लिए इतने लोगों को संभालना मुश्किल होता है। इसलिए हर पन्ने पर 2 अर्द्ध पन्ना प्रमुख बनाए हैं। ये भाजपा की सबसे छोटी ईकाई है।

कौन सी रणनीति अपना रही भाजपा
भाजपा के 40 केंद्रीय मंत्री, 10 सीएम, 500 से ज्यादा सांसद, विधायक प्रचार कर रहे हैं। एरिया प्रमुख की जिम्मेदारी विधायक के पास है। 224 सीटों पर 224 सांसद तैनात हैं। कर्नाटक में 30 जिले हैं। हर एक जिले का प्रभारी एक केंद्रीय मंत्री है।

किसके पास कैंपेन की जिम्मेदारी
कर्नाटक में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव के पास है। एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी चुनाव प्रभारी हैं। बेंगलुरू स्थित पार्टी मुख्यालय पर राज्य इकाई और केंद्रीय टीम के लोग प्रचार और मीडिया का काम देख रहे हैं।

अमित शाह की खोज हैं पन्ना प्रमुख
पन्ना प्रमुखों की रणनीति को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान इजाद किया था। तब वे यूपी के प्रभारी और महासचिव थे। शाह के इस फॉर्मूले का ही असर था कि सहयोगी दल के साथ 80 में से 73 सीटें जीतने में सफल रही थी। उन्होंने इस फॉर्मूले को सभी राज्यों के चुनाव में अपनाया है। 2017 के यूपी चुनाव में भाजपा को 403 में से 325 सीटें मिलीं।

40 केंद्रीय मंत्रियों और 10 सीएम ने प्रचार किया
चुनाव प्रबंधक: मुरलीधर राव (राष्ट्रीय महासचिव)
जिला प्रभारी: 30 केंद्रीय मंत्री (राज्य में 30 जिले हैं)
चुनाव क्षेत्र प्रभारी: 224 सांसदों (राज्य में 224 सीटें हैं)
एरिया प्रमुख: 224 विधायक उम्मीदवार
बूथ प्रमुख: 50 हजार (56,696 पोलिंग बूथ हैं)
पन्ना प्रमुख: 4.5 लाख (100 वोटर पर एक)
अर्द्ध पन्ना प्रमुख: 10 लाख (45 से 50 वोटर पर)

कैसे अर्द्ध पन्ना प्रमुख कर रहे काम
अर्द्ध पन्ना प्रमुखों के ऊपर पन्ना प्रमुख हैं। उसके ऊपर बूथ प्रमुख। फिर एरिया प्रमुख और चुनाव प्रभारी। अर्द्ध पन्ना प्रमुख लोगों को घरों से पोलिंग बूथ तक लाने के लिए काम करेंगे। उनकी मदद भी करते हैं। वे लोगों से मिलकर उन्हें पार्टी के संदेश भी भेजते हैं।

ये भी पढ़ें:

रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए