Video: हमारे सामने पुरानी चुनौतियां बहुत है लेकिन हम लड़ रहे हैं: पीएम मोदी

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उदयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के उदयपुर पहुंचे हुए है। उन्होंने यहां कई सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जितनी सड़कें पिछले 60 साल में नहीं बनी, उतनी सड़कें हमने पिछले 3 साल में बनाई।

इसका एक वीडियो नितिन गडकरी ने अपने ट्विटर अकांउट पर शेयर किया। नितिन ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सड़क बनने के काम में काफी तेजी आई है। अब बिना किसी देरी के प्रोजेक्ट पूरा होता है। ये ही नहीं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि भले ही कई प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू हुए लेकिन पूरा हमने किया आखिर ऐसे क्या कारण थे जो इतने सालों से ये काम अटकते रहे।

पीएम मोदी ने राजस्थान को 15 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। जन रैली को सम्बोधित करने बाद पीएम मोदी चंबल नदी पर नौ सालों से तैयार हुआ हैंगिग ब्रिज का भी उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नितिन गडकरी और गवर्नर कल्याण सिंह मौजूद रहे।

पीएम मोदी कुल करीब कुल 873 किमी लंबाई की 11 पूरी हो चुकी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। ये परियोजनाएं राजसमंद, भिलवाड़ा, पाली, नागौर, बारमेर, सिकर, चुरू, जोधपुर और जैसलमेर में हैं। इन 11 परियोजनाओं में कोटा में चम्बल नदी पर बना छह लेन वाला केबल स्टेड ब्रिज भी शामिल है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी कुल करीब 556 किमी की छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमिपूजन भी करेंगे।

पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें:

  • पीएम मोदी ने कहा “मैं राजस्थान के बाढ़ पीढ़ितों को भरोसा दिलाता हूं कि इस संकट की घड़ी में भारत सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी। इसके लिए हम भरपूर प्रयास करेंगे।”
  • मोदी ने कहा कि पुरानी बुराइयों को खत्म करने में इतनी ताकत लगती है जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। यानी की सीधा सा मोदी विपक्ष पर निशाना साधने रहे है।
  • पीएम ने कहा, 15 हजार करोड़ के कामों का शिलान्यास होना राजस्थान के इतिहास की अदभुत घटना है। योजनाओं की घोषणा करना, चुनाव के समय कई तरह के वादे करना, अखबारों में बड़ी हेडलाइन छप जाना और मालाएं डालना देश भली-भांति देखता आया है। कई साल से यही चल रहा है।” लेकिन अब काम हुआ है। पिछले कई सालों से रूका हुआ काम हमने 3 साल में पूरा किया। मैं वीरो की भूमि का विश्वास दिलाता हूं हम गांव ढ़ाणियों को सड़को से जुड़ा जाएगा।
  • ‘हमने काम का स्केल, स्कोप बढ़ाया है और स्किल में भी सुधार किया है। जीएसटी दुनिया के लिए एक अजूबा है, रातोंरात सारे देशवासी एक व्यवस्था को स्वीकर कर लें, यह हिंदुस्तान में ही हो सकता है।’

क्यों है इस पुल की इतनी चर्चा:

आपको बता दें चंबल नदी के इलाके को क्रोकोडाइल सेंचुरी कहा जाता है। वो इसलिए यहां बड़ी सख्यां में मगरमच्छ और घड़ियाल है। इसलिए कई सालों तक इस ब्रिज को पयार्वरण विभाग से क्लीयरेंस नहीं दिया था। दरअसल, यूपीए सरकार ने साल 2008 में हिंगिग ब्रिज बनाने के लिए जापान और कोरिया की मदद ली। लेकिन 2009 में यह ब्रिज इंजीनियरों की लापरवाही से गिर गया और 48 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद दोबारा इस ब्रिज बनाने का काम 2014 में शुरू हुआ। बता दें ये ब्रिज 1.4 किलोमीटर लंबा है। इस झूलते ब्रिज की लागत 277 करोड़ बताई गई है। दावा है कि ये देश का तीसरा हैंगिग ब्रिज है।

 

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