सावधान- सोशल मीडिया पर भी किया शराब का प्रचार तो जाएंगे जेल!

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बिहार: नीतिश के राज में अब अच्छे दिन दूर नहीं। बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 के लागू हो जाने के बाद से बिहार में शराब पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध तो लग गया। अब एक नया फरमान आया है कि अगर किसी ने नशे से सम्बधी किसी भी तरह की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की तो उसे जेल की हवा खाने को मिल सकती है।

नए कानून के लागू हो जाने के बाद से शराबबंदी को पूर्ण रुप से सफल बनाने की जिम्मेदारी जिले के जिलाधिकारी के कंधे पर है। बिहार के सभी जिले के जिलाधिकारियों ने इस पर अमल भी शुरू कर दिया है। शराब पीने, शराब की बिक्री, शराब पीकर हंगामा खड़ा करना, शराब को घर में रखना, किसी परिसर में शराब पीने की अनुमति देना, शराब की तस्करी, के साथ-साथ अब सोशल मीडिया पर भी शराब के समर्थन या उसके प्रचार-प्रसार करने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

बिहार के कई जिले के जिलाधिकारी ने स्वंय के अलावा सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए अलग से एक टीम का ही गठन कर दिया है। उस टीम की केवल यही जिम्मेदारी है कि वो सोशल मीडिया पर कहीं शराबबंदी को लेकर कोई आपत्तिजनक पोस्ट तो नहीं किया गया है। इस तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारी को दिया जा चुका है।  बिहार का भागलपुर पहला जिला है जहां के जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने सोशल मीडिया से लेकर शराबबंदी को कठोरता पूर्वक लागू करने के कमर कस रखी है।

जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के अनुसार नए कानून के तहत जिले में शराब को लेकर कोई भी कार्रवाई किसी अधिकारी द्वारा की जाती है तो इसकी सूचना 24 घंटे के अंदर जिलाधिकारी को देने का प्रावधान है, उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए जिले के अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप-समाहर्ता, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।

 जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने कहा कि शराबंबदी के खिलाफ किसी भी तरह की टिप्पणी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोई भी व्यक्ति शराबबंदी के खिलाफ टिप्पणी नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि जो कोई भी कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।