नोटबंदी के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां 60 प्रतिशत घटीं

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दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से किए गए एक आंकलन में ये निकलकर सामने आया है कि 1000 और 500 के पुराने नोट बंद होने के बाद आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद आतंकी हमलों में 60 फीसदी तक की कमी आई है। नोटंबदी के बाद घाटी में आंतकी हमले की सिर्फ एक वारदात हुई है।

TOI की खबर के मुताबिक, ये आंकड़े केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने दिए हैं। नोटबंदी के बाद से हवाला कारोबारियों के कॉल ट्रैफिक में भारी कमी दर्ज की है। इसकी बड़ी वजह 500 और 1000 रुपए के नोटों का बंद होना माना जा रहा है। एजेंसियो का मानना है कि ज्यादातर लेन-देन इन ही नोटों से होता था। इसके अलावा पैसे की कमी के चलते घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं पर रोक लगी है। घाटी में हालात सामान्य हुए हैं और कानून व्यवस्था कायम करने में मदद मिली है।

आतंकवादी गतिविधियों में कमी:

एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की तरफ से भारत की बड़ी करेंसी के नकली नोट बनाकर आतंकवादियों और भारत में उनकी मदद कर रहे लोगों को दिए जाते थे। जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में ऐसी घटनाओं में नोटबंदी के बाद 60 प्रतिशत की कमी आई है।

नोटबंदी से नक्सलियो के हौसले पस्त:

नोटबंदी के बाद से वामपंथी उग्रवाद में भी कमी आई। लगभग 90 लाख रुपए जब्त किए जा चुके हैं। नोटबंदी के बाद से कई माओवादियों ने दबाव में आकर सरेंडर भी किया। इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट ने आतंकी संगठन पर भी नोटबंदी का प्रभाव पड़ा। वे लोग पैसों की कमी के चलते बॉर्डर पार से बंदूकें और गोला-बारूद नहीं खरीद पा रहे।