नया नियम: बिना आधार नंबर के नहीं मिलेगी रेल किराए में छूट

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दिल्ली: अग्रेंजी अखबार के हवाले से खबर है कि भारतीय रेलवे ने एक नई घोषणा की है कि बिना आधार कार्ड के रेल किराए में मिलने वाली रियायत नहीं मिलेंगी। इसका सबसे ज्यादा असर सीनियर सिटीजन्स पर पड़ सकता है। खबर के मुताबिक ये आदेश ऑनलाइन और रेलवे काउंटरों से खरीदे जाने वाली टिकटों पर भी लागू होगा।

1 अप्रैल 2017 से सीनियर सिटिजन्स के लिए आधार कार्ड नंबर देना अनिवार्य होगा। अगर कोई सीनियर सिटिजन तय तारीख के बाद आधार कार्ड नंबर नहीं देगा तो रेलवे उसे मिलने वाली रियायत नहीं देगी। रेलवे ने अपने आईटी सेल यानी क्रिस को इस बारे में जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए हैं। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे रेलवे के साथ ही पैसेंजर्स को भी फायदा होगा। अधिकारी का कहना है कि रेलवे अभी से आधार कार्ड नंबर लेना शुरू कर देगी लेकिन फिलहाल ये अनिवार्य नहीं होगा ।

आईआरसीटीसी भी 1 जनवरी, 2017 से आधार कार्ड की डिटेल लेने लगेगी। इसके बाद सिस्टम ऐसा बनाया जायेगा कि ऑनलाइन आधार नंबर डालते ही पैसेंजर डिटेल आ जाएगी। इस तरह ऑनलाइन फॉर्म भरने में भी ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा। अधिकारी के अनुसार इसका दूसरा बड़ा फायदा ये होगा कि रेल टिकटों की दलाली कम हो जाएगी। दलालों के लिए किसी भी नाम से टिकट बुक करके बेचना आसान नहीं रहेगा।

रेलवे अफसरों का कहना है कि अगले साल एक अप्रैल के बाद अगर कोई सीनियर सिटिजन आधार कार्ड नंबर नहीं देता है तो उसे टिकेट तो मिलेगी लेकिन उसे किराए में मिलने वाली 50 फीसदी की छूट नहीं मिलेगी। रेल अधिकारियों के मुताबिक सीनियर सिटिजन्स पर लागू करने के बाद इसे सभी यात्रियों पर लागू किया जाएगा। ताकि रेल टिकटों की काला बाजारी रोकी जा सके।

गौरतलब है कि मौजूदा समय में सीनियर सिटिजन्स को किराए में 50 फीसदी की छूट मिलती है। इसके अलावा विकलांग जनों को भी एक स्कॉर्ट के साथ किराए में 75 फीसदी किराए की छूट मिलती है। नया नियम लागू होने से उन लोगों को इससे वंचित होना पड़ेगा जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं।