नई कैटरिंग पॉलिसी: हर स्टेशन के पास बनेगा बेस किचन, हर 2 घंटे में ट्रेन में मिलेगा ताजा खाना

जल्द लागू होगी रेलवे की नई कैटरिंग पॉलिसी, हर स्टेशन के पास बनेगा बेस किचन, हर 2 घंटे में ट्रेन में मिलेगा ताजा खाना।

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नई दिल्ली: सफर के दौरान यात्रियों को ताजा और गर्म खाना सर्व करने के लिए रेलवे नई कैटरिंग पॉलिसी शुरू करने जा रही है। पॉलिसी के मुताबिक, देश के कई स्टेशनों के पास रेलवे बेस किचन शुरू किया जाएगा। यहां से हर 2 घंटे में कैटरिंग एजेंसी यात्रियों को बेहतर क्वालिटी का खाना देगी। रेलवे रोजाना करीब 11 लाख पैसेंजर्स को फूड सर्व करता है।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि स्टेशनों के पास बेस किचन शुरू करने का फैसला किया गया है। इससे यात्रियों को हर दो घंटे में ताजा और गर्म खाना दिया जा सकेगा। देशभर में पीपीपी मॉडल के जरिए कई किचन बनाए जाएंगे। प्रभु ने मंगलवार को एक राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के दौरान फूड इंडस्ट्री के अफसरों, एनजीओ, आईआरसीटीसी और सीनियर रेलवे अफसरों के साथ नई कैटरिंग पॉलिसी पर चर्चा की।

इसके बाद नई पॉलिसी की घोषणा की। ट्रेनों में खानपान सेवा के खिलाफ शिकायतों के मद्देनजर प्रभु ने कहा कि जब भी खाने से जुड़ी कोई शिकायत मिलती हैं, हम फौरन इसे दूर करते हैं। नई पॉलिसी से ऐसी परेशानियां दूर होंगी। बेहतर कैटरिंग सर्विस के लिए नामी कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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रेलवे की नई विकल्प स्कीम :1 अप्रैल से मेल-एक्सप्रेस के किराए में कर सकेंगे राजधानी-शताब्दी में सफर

भारतीय रेलवे 1 अप्रैल से ‘विकल्प’ स्कीम लॉन्च करने जा रही है। इस स्कीम के तहत अब एक्सप्रेस/मेल का टिकट कटाने के बाद भी राजधानी या शताब्दी ट्रेन में सफर कर सकेंगे। इस स्कीम से रेलवे को टिकट रिफंड कम करना पड़ेगा, जो सीधे तौर पर रेलवे के लिए फायदेमंद साबित होगा।

विकल्प स्कीम के तहत वेटिंग टिकट वाले पैसेंजर अगली ट्रेन में कन्फर्म सीट पा सकते हैं। यह विकल्प उन यात्रियों के लिए उपलब्ध होगा, जो बुकिंग के वक्त वैकल्पिक ट्रेन में सफर के ऑप्शन को चुनेंगे। इसकी शुरुआत ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराने वालों से होगी। इसके बाद विंडो टिकट के लिए भी इसका विस्तार होगा।

स्कीम के मुताबिक दूसरी ट्रेन में सीट उपलब्ध कराए जाने पर बची हुई राशि का रिफंड नहीं होगा। दूसरी ट्रेन की टिकट महंगी होने पर अधिक चार्ज नहीं देना होगा। इस स्कीम के तहत रेलवे द्वारा हर साल रिफंड के तौर पर दी जाने वाली 7,500 करोड़ रुपए की राशि बचेगी। फिलहाल रेलवे दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-मुंबई समेत 6 रूटों पर इस स्कीम को पायलट बेसिस पर चला रहा है।

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