तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, औवेसी ने कहा, मर्दों को सजा मिलेगी तो गुजारा भत्ता कौन देगा

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नई दिल्ली: तीन तलाक देने पर सजा के प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार ने लोकसभा में बिल पेश कर दिया है। कानून मंत्री रविशकंर प्रसाद ने आज के दिन को ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने कहा आज का दिन पूजा, प्रार्थना और इबारत का नहीं है बल्कि नारी न्‍याय और इंसाफ का है। वहीं इस बिल का विरोध RJD, BJD समेत कई विपक्षी पार्टियों ने किया। इस बिल पर आवैसी ने कहा कि यदि पुरुष को जेल भेजा जाता है तो गुजारे भत्‍ते का भुगतान कौन करेगा। उन्‍होंने कहा कि इस विधेयक पर परामर्श प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है।

दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने तीन तलाक पर इस बिल का समर्थन का ऐलान किया है। कांग्रेस बिल पर कोई संशोधन नहीं लाएगी। कांग्रेस की ओर से सरकार को सिर्फ सुझाव दिए जाएंगे, और सरकार का इस मुद्दे पर समर्थन किया जाएगा।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है। ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?

2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 8.4 करोड़ मुस्लिम महिलाएं हैं और हर एक तलाकशुदा मर्द के मुकाबले 4 तलाकशुदा औरतें हैं। 13.5 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है और 49 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियों की शादी 14 से 29 की उम्र में होती है। वहीं 2001-2011 तक मुस्लिम औरतों को तलाक देने के मामले 40 फीसदी बढ़े है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमसे पूछा गया कि इसको अपराध क्‍यों बना रहे हैं। अगर तीन तलाक गैरकानूनी है तो ये अपराध क्‍यों नहीं है। वहीं इससे पहले तीन तलाक बिल पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सांसदों को ब्रीफ किया। उन्‍होंने कहा है कि पीएम मोदी के रहते किसी मुस्लिम महिला के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने को कहा था और उसी के आदेश का पालन हो रहा है।

28 दिसंबर 2017 का मामला-
आज लोकसभा में तीन तलाक पर बिल पेश होना था कि उससे पहले एक और मामला सामने आया जहां एक शौहर ने अपनी पत्नी को इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वह देर से उठी थी। मामला रामपुर के अजीमनगर का है। पीड़िता ने बताया कि पति उनके साथ मारपीट भी करता था और सुबह जब वो देर से सोकर उठीं तो पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया।

कैसा होगा बिल?

गौरतलब है कि सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है। ये कानून सिर्फ तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।

इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा। जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होगा। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली,  सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।

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