जल्द लॉन्च होगी स्मार्ट सूटकेस, मिलेगी इन लोगों को खास तरह की सुविधा, जानें फीचर्स

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टेक कंपनी आईबीएम (IBM) ने चार अन्य कंपनियों के साथ मिलकर प्रोटोटाइप सूटकेस (Prototype Suitcase) तैयार किया है। जिसकी खासियत यह है कि यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) तकनीक से बना है।

कंपनी का दावा है कि यह दृष्टिबाधित लोगों को रास्ते पर चलते समय गाइड करेगा। यह सूटकेस न सिर्फ दृष्टिबाधित लोगों को रास्ता बताएगा बल्कि कैमरे और सेंसर की मदद से रास्ते में आने वाली बाधाओं के बारे में बोलकर बताएगा भी। कंपनी ने स्मार्ट सूटकेस तैयार करने के लिए अल्प अल्पाइन, मिस्तुबिशी, ओमरॉन और शिमीजू जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी की है। इसके सूटकेस के पीछे आईबीएम की फैलो हाइको असाकावा का आइडिशन था जो खुद भी दृष्टिबाधित है।

नेक्स्ट वेब की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सूटकेस वीडियो कैमरा और डिस्टेंस सेंसर के जरिए डेटा एनालाइज कर रास्ते में आने वाली बाधाओं के बारे दृष्टिबाधित व्यक्ति को अलर्ट करता है। नेक्स्ट वेब ने अपनी ग्लोबल हेल्थ स्टडी रिपोर्ट में यह जानकारी दी कि 2050 में दृष्टिबाधित लोगों की संख्या 11.5 करोड़ तक पहुंच सकती है।

क्या है इस सूटकेस में खास-
एआई टेक्नोलॉजी पर बेस्ड स्मार्ट सूटकेस यूजर की वर्तमान लोकेशन और मैप डेटा को स्कैन करेगा ताकि डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए सही रास्ता ढूंढा जा सके। यह बोलकर और सूटकेस के हैंडल में वाइब्रेशन देकर यूजर को गाइड करेगा। इसमें ऑडियो सिस्टम भी है, जिसकी बदौलत ये रास्ते में आने वाले कैफे और दुकानों के बारे में यूजर को बोलकर बताता है।

किस कंपनी का क्या योगदान
IBM के निर्मार्ण के अलावा अल्प अल्पाइन इसमें हैप्टिक टेक्नोलॉजी का काम कर रही है, ओमरॉन कंपनी इसमें इमेज रिकॉग्निशन और सेंसर उपलब्ध करा रही है, शिमिजू इसके नेविगेशन सिस्टम पर काम कर रही है वहीं इसके ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी मिस्तुबिशी पर है। सभी को उम्मीद है कि ये एआई सूटकेस दृष्टिबाधित व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाएगा।

कैसे आया प्रोटोटाइप सूटकेस बनाने का आइडिया-
जापान के एक अखबार को इंटरव्यू देते हुए असाकावा ने बताया कि उन्हें यह आइडिया तब आया जब वे एक बिजनेस ट्रिप के दौरान सूटकेस खींच रही थी। उन्होंने बताया कि दृष्टिबाधित व्यक्ति के लिए शहर में स्वतंत्र और सुरक्षित सफर करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन मैने इस नामुमकिन काम को मुमकिन बना दिया है।

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