फाइनली मोदी सरकार ने माना ‘नोटबंदी’ का पड़ा बुरा असर, सबसे ज्यादा ये लोग हुए प्रभावित

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नई दिल्ली: 2016 में मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसल को जहां सरकार जनता के लिए फायदेमंद बताती रही वहीं अब केंद्र सरकार के ही कृषि मंत्रालय ने इस पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि नोटबंदी का असर किसानों पर काफी बुरी तरह से पड़ा है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।

द हिंदू की खबर के मुताबिक, कृषि मंत्रालय ने माना है कि नगदी की कमी के चलते लाखों किसान, रबी सीजन में बुआई के लिए बीज-खाद नहीं खरीद सके। जिसका उनपर काफी बुरा असर पड़ा। कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी के असर पर एक रिपोर्ट भी संसदीय समिति को सौंपी है।

कृषि मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नोटबंदी जब लागू हुई तब किसान या तो अपनी खरीफ की पैदावार बेच रहे थे या फिर रबी फसलों की बुआई कर रहे थे। ऐसे समय में किसानों को नगदी की बेहद जरूरत होती है, पर उस समय कैश की किल्लत के चलते लाखों किसान बीज और खाद नहीं खरीद सके।

कृषि मंत्रालय के मुताबिक बड़े किसानों को भी खेती के कामों का मेहनताना देने और खेती की जरूरतों को पूरा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा था। मंत्रालय ने बताया कि कैश की किल्लत के चलते राष्ट्रीय बीज निगम के लगभग 1 लाख 38 हजार क्विंटल गेहूं के बीज नहीं बिक पाए थे।

हालांकि सरकार ने बाद में गेहूं के बीज खरीदने के लिए 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों के इस्तेमाल की छूट दे दी थी। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की इस छूट के बाद भी बीज के बिक्री में कोई खास तेजी नहीं आई थी। आपको बता दें इस रिपोर्ट के आने के बाद श्रम मंत्रालय ने समिति के समक्ष नोटबंदी की तारीफ करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद के क्वार्टर में रोजगार के आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

नोटबंदी को लेकर कौन रो रहा है- पीएम मोदी
हाल ही में मध्यप्रदेश की चुनावी रैलियों में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुझे बताओं नोटबंदी से कौन रो रहा है? रो तो वो लोग रहे हैं जो चार पीढ़ियों से जनता का पैसा दबाएं बैठे थे। आपको बता दें पीएम के इस बयान को विपक्ष द्वारा खूब भुनाया गया था।

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