इस्तांबुल स्टेडियम के पास दो बम हमलों में 29 की मौत, 166 लोग घायल

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इस्तांबुल: इस्तांबुल के एक बड़े फुटबॉल स्टेडियम से प्रशंसकों के चले जाने के बाद इसके बाहर दो बम विस्फोट हुए, जिसमें 29 लोग मारे गए और 166 घायल हो गए। यह जानकारी तुर्की के एक अधिकारी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए दी है।

ऐसा माना जा रहा है कि एक विस्फोट को आत्मघाती बम हमलावर ने अंजाम दिया। हाल ही में बने वोडाफोन एरीना स्टेडियम (बेसिक्तास स्टेडियम) के पीछे से धुंआ उठते देखकर पुलिस ने इलाके को घेर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने विस्फोटों के बाद गोलियां चलने की आवाजें भी सुनीं. ऐसा माना जा रहा है कि दूसरा विस्फोट कार में हुआ।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एरदोगन ने एक बयान में कहा, आज रात इस्तांबुल में हमें एक बार फिर से आतंक का घिनौना चेहरा देखने को मिला, जिसने हर मूल्य और नैतिकता को कुचलकर रख दिया।

पहला और बड़ा विस्फोट रात लगभग साढ़े दस बजे हुआ। इससे पहले तुर्की की टीम बेसिक्तास ने तुर्किश सुपर लीग में बुरसास्पोर टीम को 2-1 के अंतर से हरा दिया था। एरदोगन ने कहा कि हमले का समय दरअसल इस प्रकार से तय किया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान ली जा सके। उन्होंने संकल्प लिया कि देश आतंकवाद से उबरकर रहेगा। इस हमले की तत्काल जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।

इस साल इस्तांबुल में कई बम हमले हुए हैं, जिनके लिए अधिकारियों ने इस्लामिक स्टेट समूह को दोषी ठहराया है या फिर कुर्द आतंकियों ने उसकी जिम्मेदारी ली है।  बीती 15 जुलाई को तख्तापलट के प्रयास के बाद से आपातकाल लगा हुआ है।

गृहमंत्री सुलेमान सोएलू ने शुरुआत में 20 पुलिस अधिकारियों के घायल होने की बात कही थी. वह खुद अंकारा से इस्तांबुल पहुंच गए हैं।

तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी एनादोलू ने सोएलू के हवाले से कहा, ऐसा माना जाता है कि कार बम विस्फोट एक ऐसे स्थान पर हुआ, जहां हमारे विशेष पुलिस बल तैनात थे। यह विस्फोट मैच के खत्म होने और बुरास्पोर प्रशंसकों के चले जाने के बाद निकास द्वार के पास हुआ। बाद में इस्तांबुल में संवाददाताओं से बात करते हुए सोएलू ने कहा कि पहला विस्फोट स्टेडियम के पास एक पहाड़ी पर हुआ। दूसरा विस्फोट माका पार्क में हुआ और यह संभवत: एक आत्मघाती बम हमला था।

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