पालघर लिंचिंग: जानें ऐसी कौनसी अफवाह फैली की मॉब ने कर डाली साधुओं की निर्मम हत्‍या

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मुम्बई: महाराष्ट्र एक तरफ देश का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट बना हुआ था वहीं बीते रात महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं की पीट-पीटकर निर्मम हत्‍या करने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के दिन दोनों साधु इंटिरियर रोड से होते हुए मुंबई से गुजरात जा रहे थे। किसी ने उनके चोर होने की अफवाह उड़ा दी।

इसके बाद दर्जनों लोगों की भीड़ उनके ऊपर टूट पड़ी। यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

इस पूरी घटना के कुछ हिस्सों का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस पूरी घटना में महाराष्ट्र पुलिस को भी दोषी ठहराया जा रहा है। दरअसल, वीडियो में पुलिसकर्मी ने एक साधु का हाथ पकड़ा हुआ है और भीड़ से बचाता हुआ साधु को गाड़ी तक ले जा रहा है, अचानक से भीड़ ने हमला किया जिसमें पुलिसकर्मी ने हाथ छोड़ा और खुद को भीड़ से बचाने के लिए साधु इधर-उधर भागा और भीड़ में कुछ साधु पर डंडे लेकर बरस पड़े। हालांकि इस वीडियो को पूरा नहीं बताया जा रहा है। लेकिन इस घटना के बाद उद्दव ठाकरे एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर आ चुके हैं।

बता दें, इस पूरे मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार सभी लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए 110 लोगों में 9 नाबालिग हैं। सभी आरोपियों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में रखा गया है, वहीं नाबालिगों को शेल्टर होम भेजा गया है। इधर, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कासा पुलिस स्टेशन के दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

इस घटने के बाद राजनीति शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने भी इस घटना को शर्मनाक, भयानक और बर्बर बताया। वहीं पालघर में साधुओं की हत्या के बाद संत समाज काफी गुस्से में हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने घटना को लेकर सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर हत्यारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा।

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