Alert: आज फिर हो सकता है साइबर अटैक, क्या है रैनसमवेयर और इससे कैसे बचें

इन दिनों भारत में डिजिटल इंडिया पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में साइबर अटैक से खतरा भी बढ़ रहा है।

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गैजेट्स डेस्क: बीते शुक्रवार को दुनिया ने अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक देखा। आपको बता दें इस हमले से कई देश प्रभावित हुए। भारत भी हमले से अछूता नहीं रहा। इस हमले को रैनसमवेयर वानाक्राइ (WannaCry) या वानाक्रिप्ट (WannaCrypt) का नाम दिया गया।  एक कंप्यूटर मालवेयर के जरिए हमला करने वालों ने लोगों के कंप्यूटर सिस्टम को लॉक कर दिया है और उसके बाद उसे खोलने के लिए फिरौती की मांग की। साइबर अटैकर्स ने बिटकॉइन्स में 300 डॉलर की फिरौती की मांग की।

ऐसे हुआ खत्म रैनसमवेयर अटैक

इस रैनसमवेयर को रोकने का श्रेय 22 साल के एक साइबर एक्सपर्ट को गया। खर्च हुए महज 10.69 डॉलर (करीब 700 रुपए)।

वैसे @MalwareTechBlog नाम का ट्विटर हैंडल चलाने वाला इस रिसर्चर ने इस मालवेयर को गलती से रोका। इस रैनसमवेयर में इस्तेमाल होने वाले डोमेन नेम को रजिस्ट्रेशन करने के बाद इसका प्रसार रुक गया।

MalwareTechBlog ने लिखा, ‘मैं यह कबूल करूंगा कि डोमेन रजिस्टर करते वक्त मुझे यह पता ही नहीं था कि इससे मालवेयर को फैलने से रोका जा सकता है। इसलिए शुरुआती तौर पर यह खोज दुर्घटनावश हुई है।’

समाचार एजेंसी एएफपी से टि्वटर पर प्राइवेट मैसेज के जरिए इस रिसर्चर ने कहा, ‘शुरुआत में हैकर्स उस डोमेन के सहारे काम कर रहे थे, जो रजिस्टर्ड ही नहीं था। इसे रजिस्टर करने के बाद हमने उस मालवेयर को फैलने से रोक दिया।’ जब तक यह अटैक रोका गया, 74 देशों के हजारों कंप्यूटर इसकी चपेट में आ चुके थे।

इस रिसर्चर ने यह भी दावा किया कि लोगों को ऐसे हमले से बचने के लिए अपने सिस्टम जल्द से जल्द अपडेट कर लेने चाहिए। उसने चेतावनी दी है कि संकट खत्म नहीं हुआ है। हैकर्स कोड बदलकर दोबारा से कोशिश कर सकते हैं।

cyber attack

क्या होता है रैनसमवेयर साइबर अटैक

आमतौर पर कई मालवेयर, जिन्हें हम अक्सर वायरस कहते हैं, आपके कंप्यूटर में गलत तरीके से घुस जाते हैं। अक्सर इनका उद्देश्य या तो आपके कंप्यूटर के डाटा को चुराना होता है या फिर उसे मिटाना। लेकिन रैनसमवेयर आपके सिस्टम में आकर आपके डाटा को ‘इनक्रिप्ट’ यानी लॉक कर देता है। यूजर तब तक इसमें मौजूद डेटा तक नहीं पहुंच पाता जब तक कि वह इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए रैनसम यानी फिरौती नहीं देता। ये मालवेयर ईमेल के जरिए फैलता है।

शक की सुईया NSA पर- माइक्रोसॉफ्ट

कहा जा रहा है कि इस अटैक को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) से चोरी किए गए ‘साइबर हथियारों’ की मदद से अंजाम दिया गया है। एनएसए और सीआईए में काम कर चुके व्हिसिलब्लोअर एडवर्ड स्नोडन ने ग्लोबल साइबर अटैक के लिए एनएसए को जिम्मेदार ठहराया। स्नोडेन ने कहा, चेतावनियों के बावजूद एनएसए ने हमले के लिए घातक टूल्स बनाए। आज हम इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।

माइक्रोसॉफ्ट ने भी एक बयान जारी कर कंप्यूटर सिस्टम में सुरक्षा से जुड़ी जानकारी रखने के सरकारों के तरीके की आलोचना की। ‘सीआईए की अतिसंवेदनशील सूचनाओं को विकीलीक्स ने चुराया और अब एनएसए से ऐसी ही संवेदनशील सूचनाएं चोरी होने से दुनियाभर में कंप्यूटर्स प्रभावित हुए हैं।’ अप्रैल 2017 में हैकिंग समूह शैडोब्रोकर्स ने इस तरह के वायरस का एक बड़ा हिस्सा लीक किया था। शुक्रवार को हुए साइबर हमले में इस्तेमाल हुए रैनसम या फिरौती वायरस के कुछ हिस्से इस लीक से मिलते-जुलते पाए गए हैं।

Windows XP को बनाया जा रहा है निशाना

अगर आप पुराने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे XP, 8 या विस्टा का उपयोग कर रहे हों तो उसे अपडेट कर लें. माइक्रोसाफ्ट ने विशेष सिक्यॉरिटी पैच जारी किए हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तरह के मेल के साथ आने वाले रार, जीप या इस तरह के कंप्रेश फाइल को खोलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि यह सही हैं। अनजाने मेल या लॉटरी से संबंधित मेल को किसी भी तरह खोलने की कोशिश न करें।

अपने सिस्टम में एंटी वायरस, एंटी फिशिंग, एंटी मालवेयर को तत्काल अपडेट कर लें। किसी भी अनजान ईमेल को खोलने से पहले एक बार जरूर सिक्योरटी के लिहाज से सोचे। 

भारत पर हो सकता बड़ा साइबर अटैक:

इन दिनों भारत में डिजिटल इंडिया पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में साइबर अटैक से खतरा भी बढ़ रहा है। ब्रिटेन में रैनसमवेयर अटैक ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) को निशाना बनाया। अगर भारत में ऐसी किसी सेवा पर हमला हुआ तो करोड़ लोग प्रभावित होंगे। भारत में तेजी से सभी जानकारियों को डिजिटल करने और आधार से जोड़ने का काम चल रहा है। ऐसे में वानाक्राइ जैसे साइबर अटैक से नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।

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