भारत में वर्चुअल दुनिया से परोसा जा रहा सेक्स, पहचान का भी कोई खतरा नहीं

500 से 2000 रुपये प्रति घंटे तक का रेट तय है।

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नई दिल्ली: एडल्ट इंडस्ट्री एचडी और 3डी तकनीक को पहले से शामिल कर चुकी है, लेकिन अब वर्चुअल दुनिया ने वयस्क फिल्में देखने के लिए एक नया तरीका खोल दिया है। यह एक ऐसा तरीका होगा जो पहले कभी नहीं देखा गया होगा। अपने चेहरे पर इन काले चश्मों के जरिए आप खुद को ऐसी जगहों पर पाएंगे।

दरअसल इस कॉन्सेप्ट के पीछे असल मकसद है कि आप खुद को स्टार के साथ एक्शन का हिस्सा पाएंगे और यह आभासी दुनिया आपकी हर कल्पना को पूरा करने का काम करेगी। लेकिन ये वर्चुअल दुनिया यानी कि टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में इस कदर हावी हो चुकी है कि जिस्मफरोशी से जुड़े दलालों ने भी पैसे कमाने के लिए नया रास्ता ढूंढ लिया है।

वर्चुअल दुनिया से परोसा जा रहा सेक्स
मतलब साफ है, दलालों ने लोगों तक सेक्स परोसने के लिए अब वर्चुअल दुनिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है। वीडियो चैट, स्काइप और बढ़ती टेक्नोलॉजी के सहारे लोगों को ऑनलाइन सेक्स परोसा जा रहा है। ऑनलाइन जिस्मफरोशी से जुड़ी ढेरों अश्लील ऑनलाइन साइट्स हमारे सामने हैं। इसके लिए कीमतें भी तय कर दी गई हैं। 500 से 2000 रुपये प्रति घंटे तक का रेट तय है। इस धंधे में अच्छे परिवारों से आने वाली लड़कियां भी शामिल हैं। साइबर एक्सपर्ट्स की मानें ऑनलाइन होता पेमेंट और ऑनलाइन होती सेक्स इंडस्ट्री के लिए मानो यह एक वरदान है। इसमें पकड़े जाने का खतरा काफी कम है।

हाल में केंद्र सरकार ने 857 पोर्न वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि बाद में आलोचनाओं के चलते सिर्फ चाइल्ड पोर्न पर पाबंदी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार विभाग ने 31 जुलाई को आईटी अधिनियम-2000 की धारा 79(3) के तहत ‘अनैतिक और अश्लील’ करार देते हुए 857 वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी साइट्स पर पाबंदी के बावजूद उन तक पहुंचना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। इन्हें निशुल्क प्रॉक्सी साइट्स और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सेवाओं के जरिए भी देखा जा सकता है।
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल अधिकारी कहते हैं कि इस तरह के मामलों को पकड़ना काफी मुश्किल होता है। दरअसल पुलिस सिर्फ शिकायत मिलने या फिर किसी सूचना के आधार पर कार्रवाई करती है लेकिन इस केस में न ही कोई पीड़िता सामने आती है और न ही उन्हें किसी दलाल की जानकारी मिल पाती है, क्योंकि यह सब एक वर्चुअल दुनिया में हो रहा होता है, जहां पहचान का कोई खतरा नहीं होता है। अधिकारी मानते हैं कि भारत में साइबर सेक्स काफी तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार को जल्द किसी तरह के ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है।

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