मिड डे मील के नमक-रोटी मामले ने पकड़ा तूल, जानिए क्यों आए 100 से ज्यादा पत्रकार विरोध में

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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में कलेक्टरेट ऑफिस में मंगलवार को 100 से ज्यादा पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि सोमवार को राज्य सरकार ने उस पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसने एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के तौर पर नमक से रोटी खाते बच्चों का वीडियो शूट किया था।

यह वीडियो 22 अगस्त को स्थानीय हिन्दी दैनिक समाचारपत्र ‘जनसंदेश टाइम्स’ के साथ काम करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल ने शूट किया था। इस वीडियो में बच्चों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत मिड-डे मील के तौर पर स्कूल के कॉरिडोर में बैठकर नमक के साथ रोटी खाते देखा जा सकता है।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने पवन जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। शिकायत में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने पवन जायसवाल के अलावा स्थानीय ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि पर भी राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। पत्रकारों का कहना है कि पवन जायसवाल को उनका काम करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।

‘जनसंदेश टाइम्स’ के जिला प्रभारी संजय दुबे ने कहा, “हम इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि हमारे रिपोर्टर ने इस बात की पोल खोली कि बच्चों को किस तरह नमक-रोटी खिलाई जा रही है… जो वीडियो उसने शूट किया, वह वायरल हो गया, जिला मजिस्ट्रेट खुद घटनास्थल पर गए और कहा कि यह सब सच है… क्या सच को उजागर करना गलत है…?”

राज्य में मिड-डे मील की निगरानी करने वाली उत्तर प्रदेश मिड-डे मील अथॉरिटी की वेबसाइट पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की विस्तृत सूची दी गई है, जिसमें दालें, चावल, रोटी तथा सब्जियां होनी चाहिए। मील चार्ट के मुताबिक, कुछ विशेष दिनों पर स्कूलों में फल तथा दूध भी वितरित किया जाना चाहिए। लेकिन यहां नमक से बच्चों को रोटियां खिलाई जा रही है।

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