NDTV के बैन के खिलाफ राहुल गांधी समेत पूरे विपक्ष का हंगामा तेज

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दिल्ली: एनडीटीवी इंडिया’ के एक दिन के प्रसारण पर रोक लगाने के फैसले का विपक्ष का हंगामा सोशल मीडिया पर तेज हो गया है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि, “विपक्ष के लोगों को हिरासत में लेना, टीवी चैनल के प्रसारण को रोकना ये सब मोदी जी के भारत में। एनडीटीवी को बैन करना, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। ये हैरान करने वाला है।

क्या है मामला-

मंत्रालयी पैनल जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि जब भारतीय वायुसेना के शिविर पर आतंकी हमला हो रहा था तब ‘एनडीटीवी इंडिया’ चैनल ने महत्वपूर्ण और ‘रणनीतिक रूप से संवदेनशील’ सूचनाओं को प्रसारित किया था। केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) कानून के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा था कि, ‘‘भारत भर में किसी भी मंच के जरिए एनडीटीवी इंडिया के एक दिन के प्रसारण या पुन: प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं।

यह आदेश 9 नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट से 10 नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट तक प्रभावी रहेगा।’’ आतंकी हमलों के कवरेज को लेकर किसी भी चैनल के खिलाफ दिया गया यह इस तरह का पहला आदेश है। इस बाबत नियम पिछले साल अधिसूचित किए गए थे।

उमर अब्दुल्लाह ने ट्वीट किया-

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि ‘‘क्या यही वे अच्छे दिन हैं’’ जिनका वादा किया गया था।

उमर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘एनडीटीवी इंडिया का प्रसारण रोकने का आदेश, दिवंगत पूर्व सैनिक के परिवार के प्रति संवेदनाएं जताने के इच्छुक विपक्ष के नेताओं को हिरासत में लेना। अच्छे दिन..कोई है?’’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया-

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि इससे इस बात की तस्दीक होती है कि देश में ‘आपातकाल जैसे हालात’ हैं।

बनर्जी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘एनडीटीवी पर प्रतिबंध स्तब्ध कर देने वाला है। पठानकोठ घटना के कवरेज को लेकर अगर सरकार को कोई आपत्ति थी, तो इसके लिए नियम कायदे मौजूद हैं। लेकिन प्रतिबंध आपातकाल जैसी स्थिति की गवाही देता है।’’

NDTV ने जारी किया बयान-

एनडीटीवी इंडिया’ चैनल ने अपने जवाब में कहा है कि ‘‘यह किसी बात को अपने-अपने नजरिए से देखने का मामला है और जो सूचनाएं हमने प्रसारित की हैं वह पहले से ही प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया के जरिए जनता के सामने थीं।”