अमरावती में भी उदयपुर जैसा हत्याकांड, NIA ने किए 5 आरोपी गिरफ्तार

एक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे एक NGO संचालक ने उमेश को मारने के लिए कहा था। उमेश को मारने के लिए दो टीमें लगाई गई थीं। एक टीम को फोन करके उमेश के कॉलेज के पास पहुंचने की पुष्टि की गई और फिर उन पर हमला हुआ।

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राजस्थान के उदयपुर (Udaipur Murder) में दर्जी कन्हैयालाल की जिस तरह से हत्या की गई थी वैसा ही वारदात को अंजाम महाराष्ट्र के अमरावती (Amravati Murder) में भी दी गई है। ऐसा दावा है वहां के स्थानीय भाजपा नेताओं का। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र ATS इस मामले की जांच आतंकी एंगल से कर रही थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने का निर्देश दिया है। जांच के लिए NIA की टीम अमरावती पहुंच गई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे एक NGO संचालक ने उमेश को मारने के लिए कहा था। उमेश को मारने के लिए दो टीमें लगाई गई थीं। एक टीम को फोन करके उमेश के कॉलेज के पास पहुंचने की पुष्टि की गई और फिर उन पर हमला हुआ। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, यहां बीच सड़क पर मेडिकल शॉप के संचालक उमेश प्रहलाद कोल्हे (54) को गर्दन पर चाकू से वार कर तीन लोगों ने मौत के घाट उतार दिया।

क्यों हुई उमेश प्रहलाद कोल्हे की हत्या-
ये घटना 21 जून की बताई जा रही है। अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के दवा व्यापारी ने फेसबुक पर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट लिखी थी, जिसके स्क्रीनशॉट को कुछ अन्य संदिग्ध ग्रुप में वायरल कर दिया गया। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।

शुरुआती जांच के बाद पुलिसकर्मियों ने दो संदिग्धों की पहचान की। 23 जून को जांचकर्ताओं ने मुद्दसीर अहमद और शाहरुख पठान नाम के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ के बाद चार और लोगों के शामिल होने का खुलासा हुआ। इनमें से तीन (अब्दुल तौफीक,  शोएब खान और आतिब राशिद) को 25 जून को गिरफ्तार किया। जबकि, शमीम अहमद फिरोज अहमद नाम का चौथा संदिग्ध फिलहाल फरार है।

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वह पिता की गर्दन काटना चाहते थे-
जानकारी के मुताबिक, यह घटना 21 जून की रात करीब 10 से 10.30 बजे के बीच हुई। उमेश ‘अमित मेडिकल स्टोर’ नाम की अपनी दुकान बंद कर घर जा रहे थे। उमेश के बेटे संकेत ने बताया, ‘यह घटना जब हुई तो मैं पिता से 15 मीटर की दूरी पर अपनी पत्नी के साथ था। वे तीन लोग थे, अचानक बाइक से उतरे और पिताजी के गले के नीचे हमला कर दिया। वे और प्रहार करना चाहते थे, लेकिन मैं नजदीक था और उन्हें बचाने के लिए दौड़ा, मुझे वहां आता देख आरोपी बाइक पर बैठकर भाग गए।’

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अमरावती की घटना अब चर्चा में आ चुकी है और अब सवाल ये उठ रहा है कि इस हत्या के तार भी क्या उदयपुर हत्याकांड से जुड़े है या फिर इसे उदयपुर हत्याकांड जैसा माना जाए। फिलहाल अभी पुलिस की तरफ से कोई भी सूचना नहीं दी गई है। पुलिस का कहना है  हम किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। हमारी जांच इस एंगल पर जारी है और हम जल्दबाजी में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहते हैं।’

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