भारत जोड़ो न्याय यात्रा छोड़ दिल्ली भागे राहुल गांधी, सामने आयी ये बड़ी वजह देखें VIDEO

राहुल ने कहा कि देश में आधी आबादी पिछड़े वर्ग की है। दलित 15%, आदिवासी 8%, पिछड़ा वर्ग 52% हैं। अगर चार लोगों को आप खड़ा करें तो उसमें से तीन लोग दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के हैं।

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Rahul Gandhi  छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार (13 फरवरी) को अचानक रोक दी। राहुल गांधी अंबिकापुर से विशेष विमान से दिल्ली रवाना हो गए हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने बताया कि पंजाब- हरियाणा में किसान आंदोलन को देखते हुए राहुल दिल्ली पहुंच रहे हैं। वे आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात कर सकते हैं। राहुल के साथ कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे भी रवाना हुए हैं।

वहीं न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार सोनिया गांधी बुधवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करेंगी। उनके साथ राहुल और खड़गे भी मौजूद रहेंगे। इसलिए वे दिल्ली पहुंच रहे हैं। यात्रा दोबारा कब शुरू होगी इसकी जानकारी नहीं है। इससे पहले अंबिकापुर में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने किसानों को MSP की लीगल गारंटी का वादा किया। राहुल ने कहा कि यह मुद्दा कांग्रेस के इलेक्शन मेनिफेस्टो में शामिल होगा। केंद्र में हमारी सरकार बनते ही इसे लागू किया जाएगा। फसलों के दाम कम होने पर भी सरकार इसकी भरपाई करेगी।

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हिंदुस्तान का एक्स-रे करने जा रहे हैं राहुल गांधी
कांग्रेसियों ने क्रांतिकारी काम किए हैं, चाहे वो सफेद क्रांति हो या हरित क्रांति। अब हिंदुस्तान का एक्स-रे करने जा रहे हैं तो मोदी जी को इससे आपत्ति है। वे कहते हैं देश में केवल दो ही जाति हैं एक अमीर और दूसरा गरीब। जब देश में दो ही जाति हैं तो आप ओबीसी कैसे बन गए। जब जातीय जनगणना की बात आई तो मोदी जी कहते हैं मैं तो ओबीसी हूं ही नहीं। सामाजिक आर्थिक अन्याय के खिलाफ हमारी लड़ाई है। इसलिए हमने यह यात्रा शुरू की है।

देश में आधी आबादी पिछड़े वर्ग की
राहुल ने कहा कि देश में आधी आबादी पिछड़े वर्ग की है। दलित 15%, आदिवासी 8%, पिछड़ा वर्ग 52% हैं। अगर चार लोगों को आप खड़ा करें तो उसमें से तीन लोग दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के हैं। लेकिन देश की 200 बड़ी कंपनियों में न दलित न आदिवासी, न पिछड़े किसी की भागीदारी नहीं है। मीडिया कंपनियों की लिस्ट देख लीजिए। इनमें भी दलित, आदिवासी और पिछड़ों की कोई भागीदारी नहीं है। 650 हाईकोर्ट जजों में से 33 आदिवासी हैं। प्राइवेट अस्पताल, कॉलेज इनके मालिकों में दलित, आदिवासी, पिछड़ा कोई नहीं है।

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