हड्डारोड़ी के विरोध में गांव कोहला के ग्रामीणों का बेमियादी धरना 41 वें दिन जारी

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हनुमानगढ़। हड्डारोड़ी के विरोध में गांव कोहला के ग्रामीणों का बेमियादी धरना 41 वें दिन जारी रहा। ग्रामीणों ने धरने पर नारेबाजी कर शासन व प्रशासन के विरूद्ध रोष व्यक्त किया। धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ग्रामीणों का सब्र का बंध टूटता जा रहा है। पिछले इतने दिनों से झूठे आश्वासन देकर ग्रामीणों को गुमराह कर रहे शासन व प्रशासन की पोल सामने का चुकी है और वह हड्डारोड़ी गांव से हटाने के मूड में नही है जिसके चलते ग्रामीण आन्दोलन उग्र करेगे। उन्होने कहा कि शासन व प्रशासन आमजन के सहयोग के लिए कार्य करता है परन्तु हनुमानगढ़ का शासन व प्रशासन आमजन के विरूद्ध कार्य करने के लिए मशहूर हो चुका है। उन्होने कहा कि ग्रामीणों की इच्छा के विरूद्ध गांव में जिला स्तरीय हड्डारोड़ी बनाई जा रही है, प्रशासन तय कर चुका है कि गांव कोहला में इंसान नही जानवर रहते है और केवल शहर में इंसान निवास करते है इसलिये गांव कोहला को मृत पशुओं का अड्डा बनाने के लिए उतारू है। संघर्ष समिति के संयोजक लीलाधर शर्मा ने बताया कि गांव कोहला में इंसान रहते है इसका इलम प्रशासन व शासन को तब होगा जब मुख्य हाईवे जाम होगा और आमरण अनशन पर जब गांव के ग्रामीण बैठेगे।

उन्होने कहा कि प्रशासन को 41 दिनों से अलग अलग तरीकों से ग्रामीणों ने चेतावनी दी है परन्तु प्रशासन बावली भैस की तरह ग्रामीणों के आक्रोश को अनसुना कर रहा है। उन्होने कहा कि अगर प्रशासन व शासन अब भी ग्रामीणों की मांग की तरफ सकारात्मक रूख नही करते है तो आन्दोलन उग्र किया जायेगा। संघर्ष समिति संरक्षक हरीराम मायल ने कहा कि गांव कोहला हमेशा से संघर्षाे की भूमि रही है और कोहला ने अपनी एकता के बल पर बड़े बड़े आन्दोलन सफल किये है। उन्होने कहा कि शासन व प्रशासन ने षड़यंत्र रचकर जिला स्तरीय हड्डारोड़ी को अबोहर बाईपास से गांव कोहला में स्थानातरित किया है वह बहुत ही गलत है। अबोहर बाईपास के पास तो आबांदी भूमि भी नही है तब भी उन्हे वहां हड्डारोड़ी से परेशानी थी जबकि वह केवल शहरी क्षेत्र की हड्डोराड़ी थी अब तो गांव कोहला के नजदीक आबोदी क्षेत्र के नजदीक 2 शहरों व 21 गांवों की संयुक्त हड्डारोड़ी बनाई जा रही है तो गांव कोहला के लोगों को कितनी परेशानी आयेगी।

उन्होने कहा कि इस शासन व प्रशासन को जनता से कोई लगाव नही है यह केवल अपनी मनमर्जी करना चाहते है परन्तु गांव कोहला इतना कमजोर नही है कि किसी की मनमर्जी अपने उपर चलने दे। उन्होने कहा कि यह हड्डारोड़ी गांव कोहला से हटेगी, प्रशासन कितनी भी मनमर्जी क्यो न कर ले प्रशासन की यह हठधर्मिता शांती व्यवस्था बिगाडने का काम करेगी जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण जल्द ही प्रशासन व शासन को देखने को मिलेगा। इस मौके पर जयकिशन सुथार, नोपाराम नाथ, मनीराम वर्माद्व प्रेमचंद नांई, कृष्णलाल शर्मा, रामकुमार मधानिया, लीलाधर शर्मा, हरीराम मायल, भागी कंवर, लिछम, भूरी देवी, चम्पा देवी, बिन्दो देवी, विमला देवी, विप्रा, संतोष, कलावती व अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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