चौथी बार PM बनेंगी शेख हसीना, जानिए क्यों था बांग्लादेश का चुनाव मोदी के लिए अहम

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इंटरनेशनल डेस्क: बांग्लादेश में हुए 11वें आम चुनाव में एक बार फिर शेख हसीना ने बड़ी जीत हासिल की है। इसके साथ ही शेख हसीना बांग्लादेश की चौथी बार प्रधानमंत्री बन सकती हैं लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। 30 दिसंबर को बांग्लादेश में हुए आम चुनाव की मतगणना सोमवार रात तक चलेगी लेकिन सूत्रों के अनुसार हसीना ने जीत हासिल कर ली और उनकी जीत की बधाई पीएम मोदी ने ट्विटर के जरीए दी।

गौरतलब है कि चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई जबकि विपक्ष ने धांधली के आरोप लगाते हुए फिर से चुनाव कराने की मांग की है। निजी डीबीसी टीवी ने 300 में से 299 सीटों के नतीजे दिखाए। सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 266 सीटें जीतीं जबकि उसकी सहयोगी जातीय पार्टी ने 21 सीटें हासिल कीं। विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट (यूएनएफ) को सिर्फ सात सीटों पर जीत मिली।

चीन और अमेरीका की भी है नजर
बांग्लादेश का चुनाव अंतरराष्ट्रीय राजनीति व कूटनीति के लिहाज से भी काफी अहम है। यही वजह है कि अमेरीका ने भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार से स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित कराने का आग्रह किया था। वहीं चीन भी बांग्लादेश के चुनावों पर नजर बनाए हुए है। क्योंकि बांग्लादेश उसके लिए कूटनीतिक और भौगोलिक तौर से काफी महत्वपूर्ण है। खास तौर पर भारत के खिलाफ, चीन को पड़ोसी देशों पाकिस्तान व बांग्लादेश आदि की जरूरत है। मालूम हो कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठन खालिदा जिया के समर्थक माने जाते हैं, जो भारत विरोधी भी हैं।

इसलिए भारत के लिए महत्वपूर्ण है ये चुनाव
बांग्लादेश का चुनाव भारत के लिए काफी अहम है। बांग्लादेश और भारत 4,000 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं। रणनीतिक रूप से भारत के लिए यह पड़ोसी मुल्क बड़ा ही महत्वपूर्ण है। शेख हसीना के शासन में नई दिल्ली ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार देखा है। सीमा विवादों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया गया है। दोनों के बीच मजबूत सुरक्षा सहयोग स्थापित किया गया है। तीस्ता नदी जल बंटवारे को लेकर मतभेदों को निपटाने में प्रगति हुई है। बांग्लादेश में भारत का निवेश भी बढ़ा है।

गोपालगंज से जीतीं शेख हसीना
चुनाव आयोग ने अभी तक केवल एक सीट गोपालगंज के परिणाम की पुष्टि की है जहां से शेख हसीना को 2,29,539 वोट मिले हैं जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बीएनपी के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले। हार को देखते हुए बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी एनयूएफ गठबंधन ने आम चुनावों के परिणाम को खारिज कर दिया है और निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार के अधीन फिर से चुनाव कराने की मांग की है। एनयूएफ में मुख्य दल बीएनपी है।

299 सीटों पर हुआ चुनाव
बांग्लादेशी चुनाव आयोग के मुताबिक 300 संसदीय सीटों में से 299 सीटों पर चुनाव हुआ है। इसके लिए 1,848 उम्मीदवार मैदान में हैं, चुनाव के लिए 40,183 मतदान केन्द्र बनाए गए। एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर चुनाव नहीं हुआ।

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