भारतीयों की उम्मीदें टूटी, हार गए विवेक रामास्वामी, जानिए क्या है कॉकस चुनाव?

विवेक रामास्वामी ने खुद को राष्ट्रपति पद की रेस बाहर कर लिया है। उन्होंने ट्रंप को जीत की बधाई दी। बता दें कि अयोवा में सोमवार की रात 1500 से ज्यादा जगहों पर वोटिंग हुई।

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भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ( Vivek Ramaswamy)  ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, रामास्वामी ने मंगलवार को खुद इसकी जानकारी दी। लगातारी तीसरी बार राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली रिपब्लिकन रेस जीत गई है। विवेक रामास्वामी ने खुद को राष्ट्रपति पद की रेस बाहर कर लिया है। उन्होंने ट्रंप को जीत की बधाई दी। बता दें कि अयोवा में सोमवार की रात 1500 से ज्यादा जगहों पर वोटिंग हुई।

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विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस से बाहर निकलते हुए कहा कि मेरे राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं अपना कैंपेन खत्म करता हूं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, विवेक रामास्वामी कल ट्रम्प के साथ अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में रैली करेंगे।

ट्रम्प ने विवेक को फ्रॉड और ठग कहा
आयोवा के चुनावों में दूसरे नंबर पर फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डी-सेंटिस और तीसरे नंबर पर भारतीय मूल की निक्की हेली रहीं। इससे पहले आयोवा में वोटिंग शुरू होने के आधे घंटे के अंदर ही मीडिया रिपोर्ट्स में ट्रम्प की जीत घोषित कर दी गई थी।

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आयोवा राज्य में उम्मीदवारी के लिए चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी पर जमकर निशाना साधा था। ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी को सीधे-सीधे फ्रॉड और ठग करार दिया था। एक बयान में डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समर्थकों को रामास्वामी का साथ देने के खिलाफ चेतावनी भी दी थी। ट्रम्प ने कहा था कि विवेक को वोट देना विपक्षी पार्टी को वोट देने जैसा होगा।

आयोवा में ट्रम्प का चुनाव जीतना अहम क्यों?
4 क्रिमिनल केस और 2 अमेरिकी राज्यों में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से बाहर होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रम्प पहला चुनाव जीत लिया है। अलजजीरा के मुताबिक, आयोवा रिपब्लिकन नेशनल कनवेंशन का सिर्फ 1.6% ही है। यानी चुनाव के लिहाज से यह बहुत बड़ा राज्य नहीं है।

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लेकिन ट्रम्प ने यहां बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। यहां 51% मतदान ट्रम्प के पक्ष में हुई, जबकि दूसरे नंबर पर रहे डी-सेंटिस को सिर्फ 21.2% ही वोट मिले। इससे यह ,साबित होता है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी अब भी ट्रम्प पर दांव खेल रही है।

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क्या है कॉकस चुनाव?
बता दें कि कॉकस का आयोजन स्कूल जिम, टाउन हॉल समेत अन्य सार्वजनिक जगहों पर किया जात है। कॉकस एक तरह की स्थानीय बैठक है। इनका आयोजन दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियां करती हैं। आयोजन में होने वाले खर्च भी दोनों पार्टियां करती हैं। बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवारों के चयन को लेकर रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और समर्थन देने पर बात करते हैं।

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