चर्चित निठारी कांड पर आया फैसला, 19 लड़कियों की हत्या कर खा गए थे आरोपी

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नोएडा के चर्चित निठारी कांड (Nithari serial killings case) में आज फैसला आ गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया है। कई दिनों तक चली बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया। हालांकि, कोली को सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में फांसी की सजा सुनाई है। जो फिलहाल बरकरार रहेगी।

निठारी मामले में टोटल 14 केस में हाईकोर्ट ने दोषियों को बरी किया है। कोली 12 और मोनिंदर सिंह पंढेर को 2 मामलों में राहत मिली है। जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एसएचए रिजवी की बेंच ने फैसला सुनाया है। लंबी चली बहस के बाद अपीलों पर फैसला सितंबर महीने में सुरक्षित कर लिया गया था।

19 लड़कियों की हत्या कर खा गए थे आरोपी
साल-2005 और 2006 में हुए निठारी कांड में कुल 19 बच्चियों, युवतियों और महिलाओं की रेप के बाद हत्या हुई। इन्हें मारकर हत्यारों ने खा लिया। इसमें कुल 19 मुकदमे दर्ज हुए थे। इसमें तीन मुकदमों में पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। 16 मुकदमों में CBI कोर्ट गाजियाबाद का फैसला आ चुका है। 13 मुकदमों में सुरेंद्र कोली को सजा-ए-मौत सुनाई और तीन में बरी किया गया।

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वहीं मोनिंदर पंधेर को दो मुकदमों में फांसी, एक मुकदमे में सात साल की सजा सुनाई गई और चार मुकदमों में बरी किया गया था। फांसी की सजा के खिलाफ दोनों दोषियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।

कैसे हुआ था मामले का खुलासा
25 साल की आनंदा देवी भी इसमें एक थी। वो मोनिंदर पंधेर के घर में घरेलू सहायिका बनकर आई थी और 31 अक्टूबर 2006 को लापता हो गई। इससे पहले ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) की दीपिका उर्फ पायल नौकरी की तलाश में 7 मई 2006 को मोनिंदर सिंह पंढेर के पास गई थी, वो भी वापस नहीं लौटी। 24 अगस्त 2006 को नोएडा पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की तो दीपिका का मोबाइल सुरेंद्र कोली से मिला।

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ये पहला केस था, जब किसी मामले में मोनिंदर पंधेर और सुरेंद्र कोली फंसे थे। पुलिस ने उनसे सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने दीपिका उर्फ पायल की रेप के बाद हत्या कर लाश कोठी के बराबर में नाले में फेंकने की बात कुबूली। 29 और 30 दिसंबर 2006 को नोएडा पुलिस ने नाले से बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद किए, जो सिर्फ लड़कियों के थे।

खुलासा हुआ कि मोनिंदर पंधेर और सुरेंदर कोली यहां लड़कियों को किसी बहाने से बुलाते थे और रेप के बाद हत्या करके उनकी लाश इस नाले में फेंक देते थे। नोएडा पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली के खिलाफ रेप और हत्या के कुल 19 मामले दर्ज किए। इसमें से 16 मामलों में कोर्ट के फैसले आ चुके हैं।

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सुरेंद्र कोली को एक दर्जन से अधिक मामले
गाजियाबाद स्थित सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को एक दर्जन से अधिक मामले में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि, फांसी की सजा के क्रियान्वयन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। फांसी की सजा के सभी आदेशों को कोली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।

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लंबित अपील पर कई बार बहस भी हो चुकी है, लेकिन विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। मुंबई से आए कोली के वकील ने सुनवाई के पहले ही दिन अभियोजन की कहानी को सच्चाई से परे करार दिया था। कोली के वकील का तर्क था कि पुलिस की यातना के चलते कोली ने जुर्म स्वीकार किया था।

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