जानिए क्यों PM मोदी ने कहा- दुनिया के बाकी लोगों से अलग है बोहरा मुसलमान?

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भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे है। इस बात की खबर पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बनी हुई थी लेकिन ये साफ नहीं था कि आखिर वह एमपी किस कार्यक्रम में जा रहे हैं। अब कुछ तस्वीरें और पीएम मोदी का भाषण वायरल हो रहा है।

जिसमें वह बोहरा समुदाय के वआज यानी प्रवचन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली से इंदौर आए हैं। आपको बता दें ये इतिहास में पहली बार है जब कोई पीएम बोहरा समुदाय के किसी कार्यक्रम का हिस्सा बना हो। पीएम यहां दाऊदी बोहरा समाज के हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में आयोजित अशर-ए-मुबारका में शामिल हुए हैं उनके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए।

ये कार्यक्रम इंदौर के सैफी मस्जिद में हो रही है। पीएम यहां बोहरा समुदाय के 53वें धर्मगुरु से भी मिले। मोदी यहां सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आना उनके लिए प्रेरणादायी है। ‘ये वो लोग हैं जिन्होंने इमाम हुसैन के संदेशों को अपने जीवन में उतारा है। आपने दुनिया में अमन का पैगाम दिया है। आप दुनिया के बाकी लोगों से अलग है। आपने पूरी दुनिया में भारत की ताकत को दिखाया है।’

पीएम ने कहा कि बोहरा समाज पोषण और स्वास्थ्य को लेकर हमेशा जागरूक रहा है। कम्यूनिटी किचन के जरिए आप ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि समाज का कोई आदमी भूखा न सोए। इसके अलावा उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारें में भी कहा।

जो इसबात को जानते हैं उन्हें हैरानी नहीं होगी लेकिन जो नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि बोहरा समुदाय मुस्लिम धर्म के अंतर्गत आता है। इन्हीं में से एक हैं बोहरा मुस्लिम। बोहरा शिया और सुन्नी दोनों होते हैं। सुन्नी बोहरा हनफी इस्लामिक कानून को मानते हैं। वहीं दाऊदी बोहरा मान्यताओं में शियाओं के करीब होते हैं।

अन्य मुसलमानों से खुद को अलग मानते हैं-
बोहरा समुदाय की भारत में लाखों की आबादी है। ये खुद को कई मामलों में देश के बाकी मुस्लिमों से अलग मानते हैं।दाऊद और सुलेमान के अनुयायियों में बंटे होने के बावजूद बोहरों के धार्मिक सिद्धांतों में खास सैद्धांतिक फर्क नहीं है। बोहरे सूफियों और मजारों पर खास विश्वास रखते हैं। सुन्नी बोहरा हनफी इस्लामिक कानून को मानते हैं। जबकि दाऊदी बोहरा समुदाय इस्माइली शिया समुदाय का उप-समुदाय है।

पढ़ा-लिखा समुदाय है-
दाऊदी बोहरा समुदाय की पहचान काफी समृद्ध, संभ्रांत और पढ़ा-लिखे समुदाय के तौर पर होती है। बोहरा समुदाय के ज्यादातर लोग व्यापारी हैं।

राज्य के इन हिस्सों में बोहरा समुदाय-
गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, जामनगर, राजकोट, दाहोद, और महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे व नागपुर, राजस्थान के उदयपुर व भीलवाड़ा और मध्य प्रदेश के उज्जैन, इन्दौर, शाजापुर, जैसे शहरों और कोलकाता व चैन्नैई में है।

मोदी समर्थक बोहरा समुदाय-
गुजरात में अच्छी आबादी होने के साथ कारोबारी बोहरा समुदाय पीएम मोदी को अपना समर्थन देता रहा है। मोदी ने गुजरात में व्यापारियों की सुविधा के हिसाब से नीतियां बनाईं जो बोहरा समुदाय के उनके साथ आने की बड़ी वजह बनीं। नरेंद्र मोदी का बार-बार बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में आते हैं लेकिन पीएम बनने के बाद ये पहली बार हुआ है। जिससे अब विपक्ष चुनावों से जुड़कर देखकर रहा है।

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