‘एक कुत्ते’ को लेकर ‘महुआ मोइत्रा’ के जीवन में आया राजनीतिक भूकंप, पढ़ें इस केस के बारें सबकुछ

कोई भी व्यक्ति लोकसभा के किसी सांसद के खिलाफ अन्य दूसरे सांसद के माध्यम से कदाचार के मामले की शिकायत कर सकता है। जैसा कि महुआ मोइत्रा के मामले में हुआ है। एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से शिकायत की है।

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तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra Controversy) के खिलाफ पैसे लेकर सवाल पूछने की शिकायत को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने एथिक्स कमेटी (आचार समिति) को भेज दिया है। महुआ के खिलाफ क्या है मामला सबसे पहले ये जानते हैं। दरअसल बीते रविवार, अदाणी समूह ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा था कि “कुछ समूह और व्यक्ति हमारे नाम, साख और बाजार में प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं।

अदानी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास एक शिकायत दर्ज की है, जिसमें एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसे उन्होंने “एक विस्तृत आपराधिक साजिश का आयोग” बताया है। इस साजिश का आरोप तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी के इर्द-गिर्द घूमता है।

लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। बुधवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को मौखिक सबूत देने के लिए गुरुवार 26 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है। जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी आरोप लगाने वालों को भी समन देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।

 

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अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं। अगर मोइत्रा दोषी साबित होती हैं तो उनकी सदस्यता भी जा सकती है।

किसने की महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत
कोई भी व्यक्ति लोकसभा के किसी सांसद के खिलाफ अन्य दूसरे सांसद के माध्यम से कदाचार के मामले की शिकायत कर सकता है। जैसा कि महुआ मोइत्रा के मामले में हुआ है। एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से शिकायत की है। इसके लिए लोकसभा स्पीकर को एक हलफनामा और तमाम सबूत देने होते हैं, जिसमें ये दावा किया गया हो कि उस सांसद ने आचरण के विरुद्ध काम किया है।

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एक सांसद, दूसरे सांसद के खिलाफ बिना हलफनामे के भी शिकायत कर सकता है। ये कमेटी मीडिया रिपोर्ट, कोर्ट में चल रहे मामलों के आधार पर सुनवाई नहीं करती है। लोकसभा स्पीकर के पास अधिकार होता है कि वो किसी भी सांसद के खिलाफ कोई भी शिकायत एथिक्स कमेटी को भेज सकते हैं। अगर सेशन नहीं भी चल रहा हो तो स्पीकर को कार्यवाही करने का अधिकार है।

एथिक्स कमेटी (आचार समिति) के सदस्य कौन?
एथिक्स कमेटी (आचार समिति) ये वो कमेटी है, जिसके अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद सोनकर हैं। 15 मेंबर्स वाली इस कमेटी में 7 भाजपा सांसद हैं। इस कमेटी के फैसले को कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती है। अबतक ये कमेटी 11 सांसदों को बर्खास्त कर चुकी है।

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जय अनंत देहाद्राई कौन है?
जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ कई पुलिस शिकायतें दर्ज कराई हैं।

जय अनंत पर ये भी आरोप था कि उन्होंने मोइत्रा के घर पर कब्जा कर लिया और उनका कुत्ता भी रख लिया है, बाद में कुत्ते को लौटा दिया गया था। दोनों में कड़वाहट इतनी बढ़ गई कि जय अनंत ने महुआ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जय अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

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इस पूरे मामले में सांसद निशिकांत दुबे का क्या है रोल?
पहले बात आखिर निशिकांत दुबे है कौन…  गोंडा बिहार से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोंडा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 में भी जीत उनके हिस्से में आई।

वकील जय अनंत देहाद्राई ने निशिकांत दुबे के माध्यम से मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संसद में पैसे लेकर सवाल पूछें हैं। इसके बाद निशिकांत दुबे  ने एक्स (Twitter) पर एक पोस्ट में मोइत्रा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, “द्रौपदी के लिए महाभारत के युद्ध के बारे में सुना था, लेकिन (एक कुत्ते) को लेकर राजनीतिक भूकंप का अनुभव देश में पहली बार हो रहा है।” कानूनी नोटिस के अनुसार, देहाद्राई हेनरी को ले गया था लेकिन बाद में उसे मोइत्रा को लौटा दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेनरी के साथ देहाद्राई की उनके द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरें हैं।

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किससे लिए महुआ मोइत्रा ने पैसे?
जानकारी के मुताबिक, 42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है। ये कई टेंडरों में अडाणी ग्रुप का राइवल रहा है। TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने दर्शन हीराचंदानी से पैसे और महंगे उपहार लेकर संसद में 61 सवाल पूछे, जिनमें से 50 अडाणी ग्रुप से जुड़े थे।

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