देश की कार्य उत्‍पादकता को बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना होगा : एनआर नारायण मूर्ति

इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई से पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए बात करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत की कार्य उत्पातदकता दुनिया में सबसे कम है। इसे बढ़ाने की जरूरत है।

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इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने भारत की कार्य उत्‍पादकता को बढ़ाने के लिए देश के युवाओं को हर सप्ताह 70 घंटे काम करने की सलाह दी है। इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई से पॉडकास्ट ‘द रिकॉर्ड’ के लिए बात करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत की कार्य उत्‍पादकता दुनिया में सबसे कम है। इसे बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी के लोगों ने जिस तरह से कई घंटे काम करके देश की उत्‍पादकता को बढ़ाया है। वैसे ही चीन जैसे अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए देश के युवा को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। नारायण मूर्ति ने अपने दृष्टिकोण से अगले 10 से 15 वर्षों के लिए भारत की उत्पादकता पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत में उत्पादकता सुधार और सरकारी देरी को सुलझाने की जरूरत है।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
एनआर नारायण मूर्ति द्वारा सप्ताह में 70 घंटे काम किए जाने की बात पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक यूजर ने लिखा कि सप्ताह में 70 घंटे काम करने से वह पूरी तरह असहमत है। यूजर ने लिखा कि सप्ताह के 70 घंटे कार्य करने के मुताबिक, हम सर्वश्रेष्ठ देश होंगे, लेकिन किस कीमत पर? सप्ताह में 70 घंटे काम करने के बाद वह व्यक्ति क्या हासिल करेगा? अच्छा स्वास्थ्य? अच्छा परिवार? अच्छा साथी? खुशी? व्यक्ति क्या हासिल करेगा?

वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि मैं इससे सहमत हूं, अपने नियोक्ता के लिए 40 घंटे और अपने हितों के लिए 30 घंटे काम करें। एक और यूजर ने लिखा कि अगर कोई सप्ताह में 70 घंटे काम करने के बाद सफलता का लक्ष्य बना रहा है, तो मैं चाहूंगा कि वह व्यक्ति सफलता को परिभाषित करे?”

युवाओं को आगे आना होगा

जब उनसे आजादी के 75वें वर्ष में भारत के युवाओं के लिए एक संदेश देने के बारे में कहा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले 300 सालों में पहली बार, भारत को राष्ट्रों की समिति की नजरों में कुछ सम्मान मिला है। उस सम्मान को मजबूत करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है, खासकर युवाओं की। इंफोसिस के प्रमुख ने बताया कि वर्क प्रोडक्टिविटी में चीन एक जीता-जागता उदाहरण है, जहां भारत के मुकाबले लोग ज्यादा देर तक काम करते हैं। इसलिए देश के सभी युवाओं से मेरा अनुरोध है कि इसे महसूस करें और अगले 20 से 50 सालों तक दिन में 12 घंटे काम करें। ताकि भारत GDP के मामले में नंबर एक या दो बन जाए।

नारारण मूर्ति के अनुसार, हर सरकार को लोगों की संस्कृति अच्छी बनानी होगी। सरकार को ‘हमारी संस्कृति को अत्यधिक दृढ़, बेहद अनुशासित और बेहद कड़ी मेहनत करने वाले लोगों के रूप में बदलना होगा। “हमें अनुशासित होने और अपनी कार्य उत्पादकता में सुधार करने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि जब तक हम ऐसा नहीं करते, कोई भी सरकार क्या कर सकती है?

1981 में की थी इंफोसिस की शुरुआत

इंफोसिस के को-फाउंडर एन.आर. नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले के शिदलाघट्टा शहर मे एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।

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