पुण्यतिथि विशेष: लोकतंत्र के लिए जब नेहरु ने कहा-न दें कांग्रेस को वोट, यहां पढ़िए ऐसी ही कुछ खास बातें

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आज देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को गुजरे हुए पांच दशक पूरे हो चुके हैं। अगर उनके जीवन पर एक नजर डाले तो कई रंग सामने आएंगे। जिनमें उनकी आजादी की लड़ाई, सादगी, गुस्सा और आशिकी भी शामिल है। चलिए उनकी पुण्यतिथि पर बात करते हैं, उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनछुए पहलूओं की।

नेहरु ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी से मांगी माफी:

संसद में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए वाइन और मनी का इस्तेमाल कर रही है। नेहरु ये सुनते ही आगबबूला हो गए. इस पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा कि सरकारी गजट उठाकर देख लीजिए। जब नेहरु को ये बात पता चली, तो उन्होंने भरी पार्लियामेंट में मुखर्जी से माफी मांगी।

नेहरू ने जब कार्टूनिस्ट से कहा, मुझे भी मत बख्शे:

नेहरू देश के उन नेताओं में शामिल हैं, जो देश के नेताओं को मसीहा सिद्ध करने वाले चरित्र-चित्रण के खिलाफ थे. प्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल कहती हैं कि एक बार प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट शंकर ने पंडित नेहरु से उनके कॉलम का उद्घाटन करने का आग्रह किया. इस पर पंडित जी ने एक शर्त रखी कि वे उद्घाटन पर आने के लिए तैयार हैं, अगर वे उन्हें भी न बख्शें और उनका भी कार्टून बनाएं।

नेहरू ने कहा- कांग्रेस को वोट न दें:

एक बार की बात है कि वे कानपुर पहुंचे और जनसभा को संबोधित करते वक्त एक शख्स ने पंडित नेहरु से कहा कि जिस उम्मीदवार को कांग्रेस ने चुना है वो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है, और आप जानते हैं तो आप इस उम्मीदवार को वोट न दें।

नेहरू का इश्क:

नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन से इश्क था। मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने बीबीसी को बताया कि जब वो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे तब उनको पता चला कि एयर इंडिया की फ्लाइट से नेहरू रोज एडविना को पत्र भेजा करते थे।

एडविना उसका जवाब देती थीं और उच्चायोग का आदमी उन पत्रों को एयर इंडिया के विमान तक पहुंचाया करता था। नैयर ने एक बार एडविना के नाती लार्ड रैमसे से पूछ ही लिया कि क्या उनकी नानी और नेहरू के बीच इश्क था? रैमसे का जवाब था, “उनके बीच आध्यात्मिक प्रेम था।”

इसके बाद नैयर ने उन्हें नहीं कुरेदा। नेहरू के एडविना को लिखे पत्र तो छपे हैं लेकिन एडविना के नेहरू को लिखे पत्रों के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं हैं। कुलदीप नैयर ने एक बार इंदिरा गाँधी से उन पत्रों को देखने की इजाजत मांगी थी लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था।

सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू से भी था नेहरू को प्रेम:

एडविना ही नहीं सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू के लिए भी नेहरू के दिल में सॉफ्ट कॉर्नर था। कैथरिन फ्रैंक इंदिरा गाँधी की जीवनी में लिखती हैं कि विजयलक्ष्मी पंडित ने उन्हें बताया था कि नेहरू और पद्मजा का इश्क ‘सालों’ चला। नेहरू ने उनसे इसलिए शादी नहीं की क्योंकि वो अपनी बेटी इंदिरा का दिल नहीं दुखाना चाहते थे।

इंदिरा, नेहरू के जीवनीकार एस गोपाल से इस बात पर नाराज भी हो गई थीं क्योंकि उन्होंने नेहरू के ‘सिलेक्टेड वर्क्स’ में उनके पद्मजा के लिखे प्रेम पत्र प्रकाशित कर दिए थे। 1937 में नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, “तुम 19 साल की हो (जबकि वो उस समय 37 साल की थीं)… और मैं 100 या उससे भी से ज्यादा।

क्या मुझे कभी पता चल पाएगा कि तुम मुझे कितना प्यार करती हो।” एक बार और मलाया से नेहरू ने पद्मजा को लिखा था, “मैं तुम्हारे बारे में जानने के लिए मरा जा रहा हूँ।। मैं तुम्हें देखने, तुम्हें अपनी बाहों में लेने और तुम्हारी आँखों में देखने के लिए तड़प रहा हूँ।” (सिलेक्टेड वर्क्स ऑफ नेहरू, सर्वपल्ली गोपाल, पृष्ठ 694)

एक बंद कमरे में तैयार हुई नेहरू की हेड लाइन:

1964 में 27 मई को पूरे भारत को पता था कि नेहरू मौत से जूझ रहे हैं। ‘ब्लिट्ज’ के संपादक रूसी करंजिया ने अपने सबसे काबिल स्तंभकार ख्वाजा अहमद अब्बास को बुलाया और कहा कि ‘नेहरू किसी भी मिनट मर सकते हैं। तुम्हें चार घंटे के अंदर उनकी ऑबिट लिखनी है’। अब्बास ने अपने को एक कमरे में बंद किया।

तभी आर्ट विभाग का एक शख्स आया और बोला पहले हेड लाइन लिखिए। अब्बास ने लिखा ‘नेहरू डाइज,’ फिर लिखा, ‘नेहरू डेड’, फिर लिखा ‘नेहरू नो मोर।’ फिर उन्होंने तीनों हेडलाइंस को काट दिया और नए सिरे से एक हेडलाइन दी। अगले दिन यही ब्लिट्ज की हेडलाइन थी… नेहरू लिव्स…!

इन सबसे पहले हम आपको बता दें सोशल मीडिया पर नेहरू के बारें में कई खबरें चल रही है। तो हम केवल आपसे ये अनुरोध करते है पहले उनके बारें में पढ़ें फिर अपनी राय बनाए। अनाब-शनाब खबरों को शेयर करने से बचें।

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