इन 7 मोबाइल ऐप्स के दुश्मन है फेसबुक-गूगल, यकीन नहीं तो चैक करें ये लिंक

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गैजेट्स डेस्क: फेसबुक की तरफ से डेटा लीक और उसके गलत इस्तेमाल को लेकर जहां हाल में विवाद पैदा हुआ है वहीं इस बात पर बहस छिड़ी है कि आखिर किस तरह से फेसबुक की तरफ से लोगों की चुराई हुई जानकारियों से बचा जा सकता है लेकिन सच मानिए इसका कोई हल नहीं है। अब आप सोचेंगे क्यों नहीं है। इसलिए नहीं है क्योंकि आप पूरी तरह इंटरनेट की कैद में है। गूगल और फेसबुक आपकी निजता के सबसे बड़े दुश्मन बन चुके हैं।

इस आर्टिकल में कुछ लिंक दिए है जो आपके इस भ्रम को तोड़ देगा कि आपका हाईटेक बनना आपके लिए ही कितना नुकसानदायक है। आयरलैंड के एक वेब डिवेलपर डाइलन करान ने फेसबुक और गूगल के पास मौजूद अपने डेटा ट्विटर के माध्यम से शेयर करते हुए बताया कि फेसबुक और गूगल के पास उनका करीब 600 मेगाबाइट डेटा मौजूद है।

जिससे माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के चार लाख डॉक्युमेंट बन जाएंगे। अगर 200 डॉक्युमेंट को मिलाकर एक किताब छापी जाए तो इस डेटा से 200 किताबें छप जाएंगी। यकीन नहीं होता ना! आपको समझाते हैं कि आपके सबसे प्रिय गूगल-फेसबुक आपके बारें क्या-क्या जानते है? जिस डाटा को आप अपने फोन/ लैपटॉप से डिलीट कर चुके हैं वो डाटा अभी भी गूगल के पास सुरक्षित है। यकीन नहीं तो नीचे कई लिंक दिए जा रहे हैं, आप चेक कर सकते हैं।

गूगल मैप्स
आप इस लिंक पर क्लिक कर गूगल मैप्स पर अपनी दिनभर की गतिविधियों का पता लगा सकते हैं। यहां पर आप टाइम लाइन में देख सकते हैं कि आप किसी खास दिन किन-किन जगहों पर गए। आप किसी भी खास दिन के ट्रेवल रूट, महीने या फिर साल के बारे में पता लगा सकते हैं। मैप्स के लिए गूगल रिकॉर्ड साल 2009 से शुरु हुआ था। यानी गूगल सिलसिलेवार ढंग से आपकी लोकेशनों का डेटा स्टोर करता रहता है यानी किस दिन आप किस शहर के किस इलाके में किस होटल, दफ्तर या कहीं और गए।

देखें लिंक- google.com/maps/timeline?…

गूगल माइ एक्टिविटी
इस लिंक पर क्लिक करने के बाद ये आपको गूगल के माइ एक्टिविट पेज पर लेकर जाएगा। गूगल क्रोम पर आपकी सभी गतिविधियों के बारे में यह एक डिटेल्ड हिस्ट्री पेज है। इसमें आप उन सभी पेज के बारे में देख सकते हैं जिन साइट्स को आपने खोला है जैसे फेसबुक, व्हाट्स एप, यूट्यूब।  हालांकि, यह गतिविधियां सिर्फ आप ही देख सकते हैं। लेकिन सबसे खतरनाक बात ये हैं कि क्रोम से ब्राउसिंग हिस्ट्री को डिलीट करने के बाद भी यह गतिविधियां दिखती रहती है। दावा ये ही किया है कि आप ही यहां जाकर अपनी पिछली सारी एक्टिविटिज देख सकते हैं लेकिन मत भूलिए हैकर्स के पास सारी चीजों के थोड़ है और फेसबुक और गूगल के सॉफ्टवेयर में सारा डेटा कैद है। आपको कितनी भी सेटिंग के ऑप्शन दे दें लेकिन आपका डेटा सेफ नहीं है।

देखें लिंक- myactivity.google.com/myactivity

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गूगल एड्स्
सबसे हैरानी उस वक्त होती है जब आप किसी प्रोडक्ट को ऑनलाइन सर्च करते हैं और उसके आगे आप उसी से संबंधित हर जगह विज्ञापन आप देखते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी तरफ से खोली जा रही साइटों के बारे में ऑनलाइन देखा जा रहा है और उसी हिसाब से तैयार विज्ञापन आपके सामने दिखाया जा रहा है। यह पेज आपको दिखाएगा कैसे गूगल पर्सनलाइजेज एड्स आपकी तरफ से ऑनलाइन किए जा रहे व्यवहार पर आधारित होता है। इससे आपकी पसंद का समान मिल जाता है और गूगल को पैसे के साथ-साथ आपकी रूचि का डेटा। तभी अक्सर आपके पास फोन पर लैपटॉप पर मेल पर पॉप के जरीए तरह-तरह के मैसेज आते रहते हैं। जिन्हें आप अक्सर इग्नोर मारते हैं और कभी नहीं सोचते बिना आपकी जानकारी के इन कंपनियों के मेल/मैसेज आपको क्यों मिल रहे हैं।

देखें लिंक-google.com/settings/ads/

कौन-कौन से ऐप इस्तेमाल करते हैं-
आपके मोबाइल फोन और क्रोम ब्राउजर में आप जिस ऐप या एक्सटेंशन का इस्तेमाल करते हैं, उसका सारा ब्यौरा गूगल के पास है। आप इन ऐप्स का कब, किस तरह, कहां, किन हालात में इस्तेमाल करते हैं और किसलिए, यह भी वह जानता है।

देखें लिंक-security.google.com/settings/secur…

यू-ट्यूब हिस्ट्री-
यू-ट्यूब पर आप जिस तरह की भी वीडियो देखते हैं, गूगल के पास इसकी सारी जानकारी है। आपने देखा भी होगा कि आप जिस तरह के वीडियोज देखना पसंद करते हैं, बाद में यू-ट्यूब आपको उसी तरह के वीडियो दिखाने लगता है। जाहिर है, वह आपके पिछले सारे डेटा का इस्तेमाल करते हुए आपकी मानसिक स्थिति का जांच ने में कामयाब है।

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देखें लिंक- youtube.com/feed/history/s…

गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी
गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि कंपनी आपका निजी तौर पर पहचान न किए जाने लायक डेटा खुद तो इस्तेमाल कर ही सकती है, वह उसे अपने पार्टनरों के साथ भी साझा कर सकती है, जैसे कि पब्लिशर, ऐड देने वाले और गूगल से जुड़ी वेबसाइट्स आदि। इसके अलावा आप गूगल से अपना सारा डाटा कॉपी भी कर सकते हैं यानी डाउनलोड। गूगल आपके फोन के जरिए आपके ईमेल, कॉन्टैक्ट्स, गूगल ड्राइव की फाइल्स, बुकमार्क, यूट्यूब वी़डियोज, फोन से ली गई फोटोज, शॉपिंग की डिटेल्स, खरीदी गई चीजों की डिटेल्स, कैलेंडर, लोकेशन हिस्ट्री, म्यूजिक, गूगल बूक्स, गूगल ग्रुप्स, बनाई गई वेबसाइट्स, कौन-कौन सा फोन रखा है, कौन से पेज खरीदे हैं, आप कितना चलते हैं (गूगल फिट्स) इन सारी चीजों की जानकारी रखता है। आपकी इस जानकारी को गूगल अन्य कंपनियों के साथ शेयर करती है। जैसे- मान लीजिए आपने किसी बीमारी के बारें सर्च किया है तो गूगल आपका डाटा स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के साथ अन्य डॉक्टर्स आदि को शेयर करेगी। जहां से आपको या तो ईमेल्स, मैसेज या फोन भी आ सकते हैं। अब इस लिंक की मदद से आप उस तमाम डाटा को सेव कर सकते हैं जो अबतक आपने देखा है।

देखें लिंक- google.com/takeout

फेसबुक-
गूगल के बाद बारी आती है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल प्लेटफॉर्म फेसबुक की। जनवरी 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 250 मिलियन भारतीय फेसबुक इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल बनाने पर आप सामान्य जानकारी जैसे- पता, ईमेल, शहर, परिवार, रिलेशनशिप फोन हॉबीस तमाम तरह की डिटेल्स। फेसबुक पर अगर गौर किया होतो वह आपकी पोस्ट को साल दर साल याद दिलाता रहता है। इसका मतलब ये है कि फेसबुक आपके लाइक, कॉमेंट्स पोस्ट आदि की जानकारी रखता है।

लाइक्सः आपने अब तक फेसबुक पर जो कुछ भी लाइक किया है, इसकी जानकारी फेसबुक को है। किस तरह के विषयों में आपकी दिलचस्पी है, किस तरह के प्रॉडक्ट्स और यहां तक तक कि किन राजनैतिक दलों को आप पसंद करते हैं, वह आपके लाइक्स के आधार पर अनुमान लगा सकता है।

कॉमेंट्स: जब भी आपने जो भी कमेंट खुद अपने प्रोफाइल, पेज या दूसरों के फेसबुक प्रोफाइल या पेज पर डाला हो, सबकी जानकारी फेसबुक को है। इससे वह आपकी सोच का अंदाजा लगाया जाता है और फिर इसी तरह पोस्ट आदि आपको अपनी प्रोफाइल पर दर्शाता है। ये ही नहीं फेसबुक पर आप कब-कब लॉगिन होते हैं और कब उससे दूर चले जाते हैं? हफ्ते के किन दिनों में आप ज्यादा फुर्सत में होते हैं और कौन-से दिनों में ज्यादा बिजी, इसका अंदाजा फेसबुक आसानी से लगा लेता है।

इवेंट्सः आपने कब कौन-सा इवेंट आयोजित किया और किसमें हिस्सा लिया, कौनसी पोस्ट, कौनसी फोटो कब डाली है। आपने फेसबुक पर क्या मिस किया क्या नहीं इसकी पूरी जानकारी फेसबुक को होती है।

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स्टिकर और इमोजी पर नजर: फेसबुक मेसेंजर में भेजे या रिसीव किए गए मेसेज ही नहीं बल्कि फेसबुक को ये भी पता है कि कौन-कौन से स्टिकरों का इस्तेमाल किया और कौन-से इमोजी आपको ज्यादा पसंद आते हैं। शायद आपकी मन:स्थिति का इससे अच्छा अंदाजा लगता हो कि कब आप उदास हैं और कब खुश। अब तो आप समझ गए ना आपके पक्के दोस्त से ज्यादा फेसबुक आपको अच्छे से जानता है।

ये डेटा भी है फेसबुक के पास

-कब-कब की फेसबुक से वॉयस कॉल और वीडियो कॉल (Whatsapp डाटा भी फेसबुक के पास है)

-आपके स्मार्टफोन में मौजूद सारे कॉन्टैक्ट्स

-हर फाइल जो आपने रिसीव और सेड की

– नौकरी, इंवेट्स, कब जागते हैं, किस तारिख को I Love You, Good Night बोला सब।
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फेसबुक की प्राइवेसी पॉलिसी
फेसबुक का कहना है कि वह आपकी सूचनाओं को सुरक्षित रखता है और इनका इस्तेमाल फेसबुक को आपके लिए ज्यादा आसान, सहज और मजेदार बनाने के लिए करता है। मतलब यह कि आपको कौन-सी पोस्ट ज्यादा अच्छी लगेंगी, इसका फैसला करने के लिए वह आपके डेटा का इस्तेमाल करता है। फेसबुक ने यूजर्स को कुछ सेटिंग दी हुई है। जिसके इस्तेमाल से वह खुद अपनी प्रोफाइल पर कंट्रोल रख सकता है लेकिन सारी जानकारियों पर नहीं।

देखें फेसबुक पर मौजूद आपका डेटा https://www.facebook.com/help/131112897028467

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