मोदी का 4 साल में चौथा चीन दौरा, इन 6 मुद्दों पर हो सकती हैं बात

मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 67 साल में सिर्फ पांच प्रधानमंत्रियों ने चीन का दौरा किया था। इनमें जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह शामिल हैं।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दो दिन के लिए चीन रवाना हुए। मोदी का ये चार साल में चौथा चीन दौरा है। इसके साथ वह सबसे ज्यादा बार चीन जाने वाले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। इससे पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तीन बार चीन गए थे। शुक्रवार को मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान शहर में बातचीत होगी। इसे ‘अनौपचारिक शिखर वार्ता’ नाम दिया गया है।

पहली बार ऐसा हो रहा है, जब भारत और चीन के किसी नेता की बैठक के बाद कोई ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस या मीडिया ब्रीफिंग नहीं होगी। इसके बावजूद दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। मोदी इस साल जून में एक बार फिर शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक में शामिल होने चीन जाएंगे। मोदी की ये दूसरी स्टेट विजिट है। इसके अलावा वह वहां जी-20 और ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने जा चुके हैं। जबकि 4 साल में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सिर्फ एक बार भारत आए हैं। मोदी पीएम बनने के बाद 47 महीने में 55वीं बार विदेश दौरे पर हैं।

चीन का भारतीय मोबाइल मार्केट पर 56 फीसदी कब्जा है 
चीन ने भारत में 10.68 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। चीन 2008 में ही भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बन गया था। भारतीय मोबाइल मार्केट पर चीन का 56% का कब्जा है। दिल्ली मेट्रो में चीनी कंपनी काम कर रही है। भारतीय सोलर मार्केट और थर्मल पावर सेक्टर चीनी कंपनियों पर ही निर्भर हैं। पावर सेक्टर के 70-80% उत्पाद चीन से आते हैं।

1988 में राजीव गांधी के दौरे से की जा रही मोदी की तुलना 
मोदी के इस दौरे की तुलना 1988 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के दौरे से की जा रही है। तब राजीव ने 1962 के युद्ध के बाद रिश्तों में आई तल्खी को दूर करने की कोशिश की थी। ये 34 साल बाद किसी भारतीय पीएम का चीन दौरा था। अब मोदी का ये डोकलाम विवाद के बाद हो रहा है। इसके चलते दो साल से दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हैं।

चीन से भारत सालाना 3.5 लाख करोड़ का सामान आयात करता है 
चीन से भारत सालाना 3.5 लाख करोड़ रु. का आयात करता है, जबकि चीन 1.06 लाख करोड़ का ही सामान भारत से आयात करता है। चीनी अर्थव्यवस्था करीब 767.63 लाख करोड़ रु. की है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था 173.55 लाख करोड़ की है। चीन का विश्व के आर्थिक विकास में 33% योगदान है। अमेरिका के साथ चीन का सालाना व्यापार 28.63 लाख करोड़ रु. है।

डोकलाम विवाद 
मोदी-जिनपिंग की इस अनौपचारिक शिखर वार्ता को डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट दूर करने की कोशिश भी समझी जा रही है। इसमें 2 साल से संबंधों में आई तल्खी को दूर करने और रिश्तों को और मजबूत करने की पहल संभव है। आर्थिक गतिविधि बढ़ाने पर भी बात हो सकती है।

किन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत-
बैठक के लिए एजेंडा घोषित नहीं है। पर इसमें डोकलाम के अलावा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति, चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, एनएसजी सदस्यता, व्यापार और भारत में चीनी निवेश पर बातचीत हो सकती है। चीन 2013 में बॉर्डर डिफेंस को-ऑपरेशन एग्रीमेंट पर अलग फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रख सकता है।

पहले दिन का कार्यक्रम:
27 अप्रैल को दोपहर 3.30 बजे से 4.30 बजे : पीएम मोदी और शी चिनपिंग की पहली मुलाकात होगी. जिसमें वे दोनों नेता आमने-सामने बातचीत करेंगे।
6.00 बजे : एक बार फिर पीएम मोदी और शी चिनपिंग की मुलाकात होगी।
6.40 बजे : पीएम मोदी शी चिनपिंग के साथ रात्रि भोज करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान प्रतिनिधि मंडल भी उपस्थित होगा।

दूसरे दिन का कार्यक्रम: 
28 अप्रैल को 10.00 बजे से 10.30 बजे : पीएम मोदी शी चिनपिंग के साथ झील किनारे टहलेंगे।
10.30 बजे से 11.00 बजे : ईस्ट झील में पीएम मोदी राष्ट्रपति चिनपिंग के साथ बोट राइडिंग का आनंद लेंगे।
11.40 से 12.30 बजे : राष्ट्रपति चिनपिंग के साथ पीएम मोदी लंच करेंगे। ये जितने भी कार्यक्रम हैं, वह सभी चीनी समयानुसार तय हैं।

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