अफगानिस्तान में रोज 167 बच्चों की मौत, मरते हुए देखने के अलावा और कोई रास्ता नहीं- डॉक्टर्स

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अफगानिस्तान में हर रोज करीब 167 बच्चों की मौत हो रही है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मौत का आंकड़ा इससे भी अधिक है। UNICEF के मुताबिक, ये बच्चे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। हालांकि, इन बीमारियों का इलाज मुमकिन है।

दरअसल, अफगानिस्तान में हमेशा से ही हेल्थ फैसिलिटीज खराब रही हैं। तालिबान के कब्जे से हमले यहां विदेशी फंडिंग के जरिए इलाज की सुविधाएं जुटाई जाती थीं, लेकिन 2021 के बाद से ये भी बंद हो गया। BBC के मुताबिक, पिछले 20 महीनों में कई बड़े अस्पतालों बंद हो चुके हैं।

डॉ. समदी ने मीडिया से कहा- हमारे पास जरूरत जितना प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं है। महिला स्टाफ की सबसे ज्यादा कमी है। जब हमारे पास सभी ऐसे बच्चे हैं जो गंभीर हालात में हैं, तो हम पहले किस बच्चे का इलाज करें? हमारे पास उन्हें मरते हुए देखने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता है।

UN ने अफगानिस्तान के लिए जितनी फंडिंग की अपील की है उसका केवल 5% ही अब तक उन्हें मिला है। दरअसल, 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इससे पहले 21 साल तक अफगानिस्तान में पब्लिक हेल्थकेयर के लिए अरबों रुपए खर्च किए गए। 2021 में सत्ता बदलने के बाद से अब तक तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में देश के लिए पैसे आवंटित करना मुश्किल हो गया है।

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